मोतिहारी / दिनेश कुमार। सद्वावना कायम करने का दूसरा नाम लोक अदालत है। पक्षकारों के बीच सद्भाव कायम नहीं हुआ तो एक के बदले कई मोकदमें हो जाते है। लोक अदालत आपसी सहमति से सुलह के आधार पर वादों का निष्पादन करती है। जहां किसी पक्ष की हार नहीं होती। दोनों पक्ष जीतकर खुश होकर घर जाते है।
उक्त बातें शनिवार को एडीआर भवन में आयोजित वर्ष का अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जिला एवम् सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष देवराज त्रिपाठी ने कही। वहीं अधिवक्ताओं से कहे कि वादों के निस्पादन में सबसे बड़ी भुमिका अधिवक्ताओं की होती है।
वे वादों के निस्पादन में महती भूमिका निभावें। वहीं जिलाधिकारी सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष सौरभ जोरवाल ने कहा कि छोटे छोटे विवादों को प्रारंभिक स्तर पर निपटारा कर दिया जाए तो बड़े विवादों की संख्या कम की जा सकती है। इसी को लोक अदालत बेखूबी निभा रही है।
वे प्रशासनिक स्तर पर लोक अदालत को सभी सहयोग देने के लिए संकल्पित है। पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होने से पिछले कई वर्षों से लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। धीरे धीरे मामले कम होते जा रहे है। अभी भी पूर्णरूपेण पक्षकारों तक नोटिस का तमिला नहीं हो पाता।
जिसके चलते वादों का निस्पादन नहीं हो पाता। स्टेट बार काउंसिल के को- चेयरमैन राजीव कुमार द्विवेदी ने कहा कि लोक अदालत ऐसी संस्था बन गई है जिस पर लोगों को विश्वास होने लगा है। जरूरत है टेक्निकली अवरोध को हटाकर वादों के निस्पाद के लिए अधिक से अधिक सुविधा दी जाए।
वहीं जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह ने कहा कि जिस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत लोगों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है, उसके लिए जरूरी है कि सुदूर देहातों में इसका प्रचार प्रसार पर अधिक जोर दिया जाए। संघ के महासचिव डा नरेंद्र देव ने
कहा कि लोक अदालत आपसी समझौता एवम् सहमति पर आसीन होते है।
ऐसे में इसका प्रचार प्रसार युद्धस्तर पर होना चाहिए। समारोह में न्यायाधीश राकेश कुमार, मुकुंद कुमार, नूर सुल्ताना, मनोज कुमार राय, सूर्यकांत तिवारी, अवधेश कुमार, रेशमा वर्मा, रणविजय सिंह, मनीष कुमार उपाध्याय , सब जज सह प्राधिकारके प्रभारी सचिव पंकज कुमार तिवारी सहित न्यायिक पदाधिकारी एवम् अधिवक्ता उपस्थित थे। समारोह का संचालन सब जज इलियाना एवम् धन्यवाद ज्ञापन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीमा कुमारी ने की।