संविधान व लोकतंत्र बचाने के लिए 24 से 30 तक होगा संकल्प पदयात्रा
मोतिहारी / राजन द्विवेदी। संविधान के प्रस्तावना दिवस के अवसर पर आज भाकपा माले कार्यकर्ताओं और नेताओं ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया और संविधान की रक्षा का संकल्प लिया। इस अवसर पर मोतिहारी जिला कार्यालय में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि हमारा संविधान लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के बुनियाद पर आधारित है, जो संविधान सबके लिए धार्मिक स्वतंत्रता, सामाजिक, आर्थिक एवम राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करता है।
लेकिन आज केंद्र की सत्ता में बैठी मोदी सरकार संविधान का उल्लंघन करते हुए एक धर्म को देश पर थोपना चाहती है।इसके लिए प्रधानमंत्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं।जो काम धर्म गुरुओं का है।धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजसत्ता(सरकार प्रशासनिक मशीनरी)किसी एक धर्म विशेष का नही होता है उसे सभी धर्मों के प्रति एक समान व्यवहार करना होता है।जिस उसूल को मोदी सरकार ने तोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री जिस संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था की सीढ़ियों के सहारे सता के शीर्ष पर पहुंचे हैं उसी चीज को रौंदकर मिटाना चाहते है और सांप्रदायिक कॉरपोरेट फासीवादी शासन प्रणाली चलाना चाहते है।जिसमे आम नागरिक की हैसियत एक गुलाम आदमी से ज्यादा की नही होगी।राजा और प्रजा वाला सामंती युग वापस लाना चाहते है।जिसमे आम नागरिकों को कोई अधिकार नहीं होगा।
भाजपा – आरएसएस के इस संविधान विरोधी विनाशकारी मुहिम के खिलाफ भाकपा माले संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ अभियान चलाएगी।इसके लिए 24 जनवरी स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर के 100 वीं जयंती से 30 जनवरी महात्मा गांधी के शहादत दिवस तक जन संकल्प पदयात्रा किया जाएगा और लोगों को जागरूक किया जाएगा।
भाजपा -आरएसएस 26जनवरी गणतंत्र दिवस को भुलाकर 22 जनवरी को स्थापित करना चाहती है। हमे 26जनवरी को तिरंगा मार्च निकालकर 26 जनवरी के गौरवशाली इतिहास को बुलंद रखना है। 26जनवरी को ही संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रव्यापी ट्रैक्टर मार्च का आह्वान किया है। जिसका भाकपा माले सक्रिय समर्थन करती है।