मच्छरदानी के प्रयोग के साथ ही साफ, सफाई व स्वच्छता बरतनी है जरूरी
Motihari/Rajan Dwivedi: डेंगू मच्छर से होने वाली बीमारियों में से एक घातक बीमारी है। डेंगू संक्रमण मादा एडीज़ नामक मच्छर के काटने से फैलता है। पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि डेंगू के प्रति शिशुओं, वयस्कों बुज़ुर्गों खासकर गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने बताया कि डेंगू में अचानक बुखार शुरू होने के साथ-साथ आमतौर पर सिरदर्द, थकावट, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन और दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस संबंध में डॉ शगुफ्ता प्रवीण एवं डॉ सुधा कुमारी ने बताया कि गर्भावस्था में वैसे भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर काफी प्रभाव पड़ता है, जिससे डेंगू होने का ख़तरा काफी बढ़ जाता हैं।
अगर किसी गर्भवती महिला को डेंगू हो जाता है, तो इससे उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्भ पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। बताया कि गर्भवती महिला को अगर डेंगू को जाए तो उसे काफी भारी मात्रा में रक्तस्राव हो सकता है जिससे कमज़ोरी और दूसरी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।मृत्यु दर भी बढ़ जाता है, डेंगू से मां और बच्चा काफी कमज़ोर हो जाते हैं। समय से पहले बच्चे का पैदा होना भी एक चिंताजनक शिकायत है।प्लेटलेट्स (रक्त कोशिकाओं) की भारी संख्या में कमी हो जाना एक सबसे बड़ी दिक्कत है।
- मां से बच्चे को डेंगू होने की आशंका कम
डॉ सोनाली गुप्ता ने बताया कि मां से गर्भ में पल रहे शिशु को डेंगू हो इसकी आशंका कम होती है। उन्होंने बताया कि यदि गर्भवती महिला को शिशु के जन्म के समय डेंगू हो, तो नवजात शिशु को जन्म के बाद शुरुआती दो हफ्तों में डेंगू होने का ख़तरा रहता हैं। गर्भ में शिशुओं में डेंगू होने का पता लगाना काफी मुश्किल हो सकता है। इसलिए इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है। कहा कि अपना ध्यान खुद रखें, साफ- सफाई का ध्यान रखें। फुल स्लीव्स कपड़े पहने। घर में मच्छर भगाने की मशीनों का प्रयोग करें और इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीज़ों का सेवन करें।