चंपारण : लोक शिकायत निवारण कोर्ट ने 4 थानेदारों को 5-5 हजार का किया जुर्माना

मोतिहारी

मोतिहारी / राजन द्विवेदी। थाने में आवेदन देने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं करना चार थानेदारों को महंगा पड़ा है । एफआईआर दर्ज नहीं करने के कारण परिवादी परेशान हो गए तो ने निबंधित डाक से भी आवेदन की कांपी थाने को भेजा। इसके बाद भी थाने द्वारा किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं की गयी।

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इसके कारण परिवादी ने जिला लोक शिकायत निवारण कोर्ट में परिवाद दायर किया।इधर परिवाद की सुनवाई के दौरान एसएचओ कोर्ट में सुनवाई की तिथि पर उपस्थित नहीं हो सके। इसके कारण परिवादी का परिवाद का निवाण नहीं हो सका। इसके बाद जिला लोक शिकायत निवारण कोर्ट की ओर से चारों एसएचओ पर पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की अनुशंसा की गयी है।

जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज के निवासी विजय सिंह ने कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिये आवेदन दिया था। उसके आवेदन पर सुनवाई नहीं की गयी। इस मामले को उसने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में परिवाद दायर किया।

परिवाद पर सुनवाई के लिये कार्यालय से आठ बार नोटिस भेजी गयी। कल्याणपुरर थाने से प्रतिनिधि चार बार उपस्थित हुये। तीन डेट पर उपस्थित नहीं हुये। थाने के प्रतिनिधि जब सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए तो लोक निवारण में अभिरुची नहीं ली गयी।

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के भावनाओं के विपरित व आदेश का अवहेलना किया गया। निवारण कार्यालय की ओर सेऊ कल्याणपुर थानाध्यक्ष पर पांच हजार अर्थदंड की अनुशंसा की गयी। बता दें कि आदापुर के यमुनापुर निवासी तारिक अनवर ने आदापुर थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिये आवेदन दिया।

कोई सुनवाई नहीं हुई तो आवेदन को स्पीड पोस्ट से भेजा। फिर भी कोई मदद नहीं मिलने पर जिला लोक शिकायत में परिवाद दायर किया गया। जिला लोक शिकायत निवारण के सुनवाई तिथि पर पांच पर एसएचओ आदापुर अनुपस्थित रहे। नोटिस भी दी गयी।

जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय ने एसएचओ धर्मवीर चौधरी के खिलाफ पांच हजार अर्थदंड की अनुशंसा कर एसपी व डीएम को कार्रवाई को सूचना दी है। जबकि डुमरियाघाट थाना क्षेत्र के खजुरिया गांव निवासी चन्द्रदेव चौरसिया ने डुमरियाघाट थाने पर एफआईआर दर्ज करने के लिये आवेदन दिया।

निबंधित डाक से भी आवेदन भेजा। कोई सुनवाई नहीं की गयी। जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में उसने परिवाद दायर किया। डुमरियाघाट एसएचओ सुधीर कुमार सुनवाई की पांच तिथियों पर उपस्थित नहीं हुए। वहीं जमीन संबंधी मामले में केसरिया एसएचओ ने एफआईआर दर्ज नहीं की।

नोटिस के बावजूद जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। परिवाद के निवारण में उसने कोई रुची नहीं दिखायी। जिला लोक शिकायत एसएचओ पर पांच हजार अर्थदंड की अनुशंसा की है। वहीं एसपी से अनुरोध किया है कि एसएचओ से शोकॉज के साथ परिवादी के परिवाद को तीन सप्ताह के अंदर किसी अन्य जांच अधिकारी से जांच कराकर कार्रवाई करते हुये न्यायालय को अवगत कराएं।