मोतिहारी/राजन द्विवेदी। “हाय री किस्मत। अपराधियों पर नजर नहीं, पीड़ित लोग के गिरेबान पकड़ नगर थाना के जमादार दे रहे मुंछ पर ताव। अब भला क्या होगा। एसपी साहब के सब किए धरे पर मिट्टी डाल गया एक जमादार।”
यह कोई किसी प्रेमचंद जैसे लेखक के पुस्तक का अंश नहीं। जी हां, यह बात आज शहर के चौक चौराहों पर चर्चा ए शरेआम के अंश है।
अब आइए मुद्दे पर। बीते चार मई को कोटवा निवासी माल संचालक ठेकेदार कुणाल सिंह की हत्या एक साज़िश के तहत किसी ठेके की सेटिंग विवाद में गोली मारकर कर दी गई। इस हत्याकांड में शामिल अपराधियों ने ही साजिशन हत्या का विरोध कर सड़क जाम करा अपने आपको पुलिस पकड़ से बचने का हर संभव प्रयास किया। लेकिन एसपी डॉ कुमार आशीष के निर्देशन में बनी विशेष पुलिस टीम ने महज 7 2 घंटे में ही घटना का पटाक्षेप करते हुए हत्याकांड में शामिल मुख्य दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। बावजूद कुछ अपराधी अभी पुलिस पकड़ से बाहर हैं।
इसी क्रम में कुणाल सिंह की हत्या मामले को लेकर हत्या के दिन शहर के अस्पताल चौक पर हुए जाम और बवाल मामले को लेकर नगर थाना के जमादार जितेन्द्र सिंह ने कल यानि सात मई को हत्या के शिकार ठेकेदार कुणाल सिंह के पीड़ित परिवार के सदस्यों में चचेरे भाई सुनील सिंह के गिरेबान पकड़ नगर थाना में ला खड़ा किया। विरोध करने पर जमादार के पिटाई का भी शिकार होना पड़ा।
बाद में पुलिस के वरीय पदाधिकारियों को सुनील सिंह ने बताया कि वह अपने भाई की हत्या की खबर मिलने पर आया था। जबकि सड़क जाम और बवाल से कोई लेना देना नहीं रहा। जिसके बाद पुलिस पदाधिकारियों ने सुनील सिंह को छोड़ दिया। इधर, जमादार जितेन्द्र सिंह की पिटाई से बीमार हुए सुनील सिंह की पत्नी अनु सिंह ने आज एसपी को आवेदन देकर जमादार जितेन्द्र सिंह पर मारपीट का आरोप लगाई है।
आवेदन में बताया है कि कुणाल की हत्या के बाद हंगामा मामले में उसके पति सुनील सिंह को मारपीट करते हुए हिरासत में लेने का असफल प्रयास किया। बाद में वरीय पुलिस अधिकारी के हस्तक्षेप से सुनील सिंह को छोड़ा।अनु ने यह भी कहा है कि नगर थाना का जमादार जितेंद्र सिंह ने निर्दोष पति को बेरहमी से है पीटा। पिटाई से सुनील बीमार पड़ गए हैं। अनु सिंह ने एसपी से जमादार जितेंद्र सिंह पर एफआईआर दर्ज करने व विभागीय करवाई का गुहार लगाई है।