बाल विवाह व बाल श्रम रोकने एवं किशोर- किशोरी सशक्तिकरण को लेकर बाल संसद व मीना मंच का किया गठन

मोतिहारी

मोतिहारी/राजन द्विवेदी। प्रेम प्रसंग में प्लायन रोकने के लिए, बाल विवाह और बाल श्रम मुक्त समाज बनाने तथा विद्यालय में बच्चों की बात सक्रिय भागीदारी तथा नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए आज सदर प्रखंड स्थित राजकीय मध्य विद्यालय ढेकहा के बच्चों ने संकल्प लिया। समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास निगम, यूनिसेफ के सहयोग से सेव द चिल्ड्रेन ने संचालित उड़ान प्रोजेक्ट के तहत आज मोतिहारी प्रखंड के ढेकहा मध्य विद्यालय में बाल संसद और मीना मंच का गठन किया।

इस बैठक में प्रेम प्रसंग में हो रहे पलायन को रोकने के लिए विद्यालय के बच्चों को जिम्मेदारी दी गई। समाज में खासकर किशोर किशोरियों को इसके दुष्परिणाम के प्रति सचेत करने पर बल दिया जाएगा। इस अवसर पर उड़ान प्रोजेक्ट के जिला समन्वयक हामिद रजा ने कहा कि थोड़ी देर की खुशी के लिए बच्चे भटक जाते हैं, और प्रेम प्रसंग में पलायन कर जाते हैं, उसका बहुत बड़ा दुष्परिणाम समाज में देखने को मिलता है।

इसका सबसे बड़ा खामियाजा लड़के को झेलना पड़ता है मुकदमा के चक्कर मे उसका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है। प्लायन के कारण केस होने के कारण लड़का को 10 वर्षों तक जेल में रहने को विवश होना पड़ सकता है। इस को लेकर जागरूकता की बात की गई। उन्होंने ने विद्यालय से वंचित बच्चों और खासकर छिजित बच्चे को विद्यालय से जोड़ने के लिए बच्चों से आह्वान किया।

इस अवसर पर हामिद बच्चों के मुख्य चार अधिकारों को विस्तृत रूप से बताया। साथ ही बाल कल्याण समिति, बाल गृह, बालिका गृह सहित किशोर न्याय परिषद के कामों के बारे में बताया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक मुन्ना पाण्डेय ने बच्चों को बाल विवाह बाल श्रम से मुक्ति के लिए जो संकल्प दिलाया गए हैं उसको दोहराते हुए कहा कि सभी बच्चों को स्कूल में लाना हम लोगों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालय में नवगठित बाल संसद और मीना मंच को प्रखंड में एक मॉडल बनाऊंगा। जूस अन्य विद्यालय के शिक्षक अनुकरण कर सकें। इस अवसर पर बाल संसद के प्रधानमंत्री के रूप में निभा कुमारी का चुनाव हुए वही साहिल अंसारी को उप प्रधानमंत्री बनाया गया। जबकि
शिल्पी शिखा को मीना चुना गया और निर्मल कुमारी को सहायक मीना चुना गया।

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