बिहार में उर्वर मिट्टी, पानी व परिश्रमी किसान के बावजूद कृषि क्षेत्र में अपेक्षित उपलब्धियां नहीं

मोतिहारी

एलएनडी कालेज में आईक्यूएसी के सौजन्य से जंतु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ आयोजन

मोतिहारी/राजन द्विवेदी। जिले के एलएनडी काॅलेज में आज आईक्यूएसी के सौजन्य से जंतु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में द्विदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशिका प्रो.रेखा कुमारी, विशिष्ट अतिथि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग, सदस्य प्रो.अनिल कुमार सिन्हा, सम्मानीय अतिथि  प्रो. दिलीप कुमार व अखिलेश कुमार सिंह तथा प्राचार्य प्रो.अरुण कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करते हुए इस राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ किया गया।

सेमिनार का विषय था-सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट फॉर एग्रीकल्चर, हेल्थ एंड न्यूट्रिशन, लाइवलीहुड एंड एनवॉयरनमेंटल सिक्योरिटी इन बिहार बीएड द्वितीय वर्ष की छात्राओं चिंकी, नेहा, नीतु एवं विभा द्वारा प्रस्तुत सामूहिक सरस्वती वंदना से सभी आगंतुक अतिथि अभिभूत हो गए। कॉलेज प्राचार्य प्रो.अरुण कुमार ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।

इस राष्ट्रीय सेमिनार की मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशिका प्रो.रेखा कुमारी ने उपस्थित विद्वानों, विदुषियों, शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों का हौसला अफजाई की। बताया कि उच्च शिक्षालय में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है। इसे विषयवार प्राथमिकता देते हुए शीघ्र नियुक्ति कर ली जाएगी। बिहार सरकार के पोर्टल पर महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालययों से तृतीय वर्ग के कर्मचारियों की वांछित सूचनाएं मांगी गई है।

पूरे प्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालययों से प्राप्त सूचनाओं के संग्रहण बाद ही नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। यहां के काॅलेजों में वांछित पीजी स्तर के शिक्षण अनुमोदन पर सकारात्मक आश्वासन दिया। शिक्षकों के लिए सदा अध्यापन तथा विद्यार्थियों के लिए सदा अध्ययन ही मूलधर्म है। इन्होंने कक्षाध्यापन में रूचि नहीं लेनेवाले शिक्षकों की शिकायत करने को भी कही।

विशिष्ट अतिथि, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य प्रो.अनिल कुमार सिन्हा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर बिहार में नेपाल से तड़पती हुई आनेवाली छोटी-छोटी नदियां स्थानीय निवासियों को भी तड़पाती है। इसके समाधान के लिए संभावित सामुहिक प्रयास की शीघ्र आवश्यकता है।

आईसीएआर-सिफे मुंबई के भूतपूर्व कुलपति प्रो. दिलीप कुमार ने पाॅवर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण द्वारा सहस्राब्दी विकास लक्ष्य व सतत् विकास लक्ष्य को रेखांकित करते हुए सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने आंकड़ों द्वारा कुपोषण, भुखमरी, अल्प वजन, खाद्य सुरक्षा व जलकृषि को समझाते हुए कहा कि विविधतापूर्ण खाद्य सामग्री का उपभोग करते हुए कुपोषण पर विजय पाया जा सकता है। प्रशिक्षित मानव संसाधन द्वारा जलकृषि को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने पाॅवर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जलकृषि को जीविकोपार्जन लायक बनाने के गुर सिखाए।

आईएआरआई प्रबंधन बोर्ड के सदस्य अखिलेश कुमार सिंह ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में कृत शोध प्रयोगशाला में सिर्फ शोभा की वस्तु नहीं बल्कि समाज व किसान के हितार्थ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार प्रांत में उर्वर मिट्टी, पर्याप्त पानी व परिश्रमी किसान के बावजूद कृषि क्षेत्र में अपेक्षित उपलब्धियां नहीं मिल पा रही है। कोविड -19 आपदा ने भी हमें औषधीय खेती की ओर उन्मुख किया है। यहां बांस, मक्का, लीची, केला, दलहन, तिलहन, मत्स्यपालन व मधुमक्खीपालन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं परंतु प्रसंस्करण सुविधाओं का अभाव है।

मीडिया प्रभारी डाॅ.कुमार राकेश रंजन ने बताया कि  राष्ट्रीय सेमिनार के इस मौके पर आगंतुक अतिथियों द्वारा स्मारिका का विमोचन भी किया गया। सेमिनार संयोजक डाॅ.नीरज कुमार ने विषय प्रवेश कराया। प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता आईसीएआर-सिफे मुंबई के भूतपूर्व कुलपति प्रो. दिलीप कुमार ने की। इस सत्र में शेर-ए-कश्मीर विश्वविद्यालय, जम्मू व कश्मीर के प्रो.एमएफ वकाल, एमिटी विश्वविद्यालय, हरियाणा के प्रो.कुशाग्र राजेंद्र, लैंडस्केप कॉर्डिनेटर डॉ.कमलेश कुमार मौर्या, यूएनडीपी इंडिया के एनवॉयरनमेंट ऑफिसर दीपक कुमार एवं उ.प्र.के वल्चर एक्सपर्ट डॉ.सोनिका कुशवाहा जैसे ख्याति प्राप्त विद्वान/विदुषियों द्वारा शोध-पत्रों का पठन किया गया। मंच का सफल संचालन भौतिकी विभागाध्यक्ष डाॅ.पिनाकी लाहा तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ.सर्वेश दुबे ने किया।

मौके पर एमएस कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ.अरुण कुमार, डॉ. एसकेएस वीमेंस कॉलेज प्रधानाचार्या प्रो.चंचल कुमारी, प्रो.रत्नेश आनंद, डाॅ.राजेश कुमार सिन्हा, डाॅ.सुबोध कुमार, ले. दुर्गेशमणि तिवारी, प्रो.राकेश रंजन कुमार, प्रो.अरविंद कुमार, डाॅ.जौवाद हुसैन, डॉ.परमानंद त्रिपाठी, प्रो.रामप्रवेश, डाॅ.नीलमणि, प्रो.जयपाल कुमार, डाॅ.प्रीति प्रिया सहित सभी प्रतिभागी उपस्थित थे।

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