Rajan Dwivedi: प्रशांत किशोर आज मोतिहारी के हवाई अड्डा मैदान में पदयात्रा कैंप में पत्रकार वार्ता के दौरान सीएम नीतीश कुमार और केंद्र सरकार की संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन पर प्रहार करते हुए सवाल उठाए। कहा कि वर्ष 2005 से 2012 वाले सीएम नीतीश और आज सीएम में काफी अंतर आ गया है। अब वे इस व्यवस्था में लग गए हैं कि जब वे मुख्यमंत्री नहीं रहें तो भी लोग यह कहे कि नीतीश कुमार का कार्यकाल बढ़िया हैं।
बताया कि पहले वाले नीतीश कुमार में मानवीय संवेदना थी और अब वह बात नहीं। नीतीश कुमार के रेलमंत्री कार्य काल में हूए एक ट्रेन हादसे का जिक्र कर बताया कि तब रेल हादसे में 90 रेलयात्रियों की मौत पर नीतीश कुमार ने इसकी जवाबदेही लेते हुए इस्तीफा तक दे दिया। लेकिन आज वे बिहार में जहरीली शराब पीने से सत्तर लोगों की मौत का गम नहीं है। परिजनों को सांत्वना देने की जगह विधानसभा में बैठ कर हंसते हुए यह माखौल उड़ा रहे हैं कि ” जो पिएगा वह मरेगा ही”। जबकि बिहार के मुखिया होने के नाते उन मरे हुए लोगों के परिवार वालों को कोई सहायता तो दूर सांत्वना भी देना उचित नहीं समझा।
बताया कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था उत्क्रमित विद्यालय और नियोजित शिक्षकों के भरोसे है। शिक्षा विकास के नाम पर विद्यालय परिसर में बड़े भवन बना कर पढ़ाने की जगह खिचड़ी परोसने का काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार की बिहार में चल रही पीएम कल्याण योजना के अनाज वितरण अधिकारियों और विधायकों के भ्रष्टाचार से घटतौली की शिकार हो गई है। पीएम आवास योजना अधिकारियों के कमिशन ( पीसी) की शिकार है। राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान ओडीएफ फेल हो चुका है। अब वैसे में लोगों को खुद के, अपने समाज और बिहार के विकास के लिए जागरूक होना पड़ेगा। अपनी सरकार बनानी होगी।