मोतिहारी/दिनेश कुमार। दसम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश सिंह ने हत्या मामले में दोषी पाते हुए नामजद चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास व प्रत्येक को पैसठ हजार रूपये अर्थ दंड की सजा सुनाये। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा गोविंदगंज थाना के नावादा निवासी शौकत अली,महम्मद अली, रियाजुदीन मियां व गेयाबुदीन मियां को हुई।
वाद विचारण के दौरान अभियुक्त अमर अली की मृत्यु हो गई थी, वहीं साक्ष्य के आभाव में महम्मद अली की पत्नी अभियुक्त खैरूल नेशा को न्यायाधीश ने बरी कर दिया। मामले में मृतक इशहाक अंसारी के दामाद गफार मियां ने गोविंदगंज थाना कांड संख्या-258/2011 दर्ज कराते हुए 12 लोगों को नामजद किया था।
जिसमें कहा था कि घरारी के जमीन विवाद को लेकर 12 दिसंबर 2011 को 3.00 बजे दिन में भूमि सुधार उप समाहर्ता अरेराज केआदेशानुसार अंचलाधिकारी अरेराज विवादित भूमि का सीमांकन करने गये थे। जहां शौकत अली ने हंगामा कर पैमाइश व सीमांकन होने नहीं दिया। अंचलाधिकारी के चले जाने के बाद नामजद लोग उन लोगों के साथ मारपीट कर करीब आधा दर्जन लोगों को घायल कर दिये।
वे लोग उसके ससुर इशहाक अंसारी को घर में ले जाकर छुरा व दाब से कुटी-कुटी काटकर मरन्नासन कर दिये। गंभीर हालत में सभी घायलों को रेफरल अस्पताल अरेराज लाया गया। जहां से चिकित्सक ने प्रारंभिक उपचार के बाद सभी को सदर अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उसके ससुर की मौत हो गई। पुलिस ने अनुसंधान के बाद उपरोक्त 6 व्यक्तियों के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया था।
सत्रवाद 557/2013 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक मोहन ठाकुर व सहायक अधिवक्ता श्रीमति कृष्णा सिंह ने 9 गवाहों को न्यायालयमें प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने नामजद चार अभियुक्तों को धारा 148,323,324,341,307,302 भादवि में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाये।