डब्ल्यूएचओ ने नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले टीकों के विषय में दी जानकारी
मोतिहारी/राजन द्विवेदी। स्वास्थ्य विभाग की पहल पर जिले के ग्रामीण चिकित्सकों को जन्मजात बच्चों व उनकी माताओं के सुरक्षा हेतु प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी के तहत जिले के पहाड़पुर प्रखंड में चयनित 30 ग्रामीण चिकित्सकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन कमाल पीपरा उच्च विद्यालय में आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण डब्ल्यूएचओ संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया।
कमाल पिपरा उच्च विद्यालय में ग्रामीण चिकित्सकों को पोलियो, मिजिल्स रुबेला, डिफ्थेरिया, कुरखाँसी, टेटनस, अचानक लुंज पुंज हो जाना, लकवा आदि बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया तथा सभी बच्चों को जेई का टीकाकरण कराने की अपील की गई। कार्यक्रम में 30 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया। वहीँ प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रुप में डा अरुण कुमार मिश्रा मौजूद थे। वहीं कार्यक्रम का संचालन करते हुए डब्लूएचओ के नरोत्तम कुमार ने बताया कि कई जानलेवा रोगों के लिए हमारे पास टीके भी मौजूद हैं। छोटे बच्चों को जन्म के समय से हीं टीके दिए जाने आवश्यक है। उन्होंने विस्तार पूर्वक गर्भवती माताओं को दिए जाने वाले कई प्रकार के टीके के बारे में बताया।
डब्ल्यूएचओ के नरोत्तम कुमार ने बताया कि हमारे यहां टीकाकरण और उसकी कड़ी निगरानी के बल पर ही पोलियो जैसी गम्भीर बीमारी पर काबू पाया गया है।अब सरकार मिजिल्स/रुबेला के उन्मूलन के लिए अभियान चला रही है। इसके लिए आवश्यक है कि जहाँ भी इन रोगों का लक्षण दिखाई दे तो तत्काल इसकी सूचना नजदीकी हॉस्पिटल को दिया जाना चाहिये, ताकि समय पर इसकी जांच की जा सके।
डा अरुण कुमार ने कहा कि रोगों के उन्मूलन के लिए सही समय पर रोगों का पता होना आवश्यक है। साथ ही लोगों को विभिन्न रोगों से बचाव को जागरूक किया जाना भी आवश्यक है। कार्यशाला में अनिकेत कुमार, संध्या कुमारी, अवधेश प्रसाद, देवेन्द्र दुबे इत्यादि मौजूद थे।
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