डेस्क। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी बाबू श्रीकृष्ण सिंह के जन्म की 136वीं वर्षगांठ के अवसर पर श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय मुंगेर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया।
उक्त अवसर पर श्री बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण श्री अवनीश कुमार सिंह( जिला पदाधिकारी मुंगेर ) , श्री संजय कुमार ( अनुमण्डल पदाधिकारी , मुंगेर ) , प्रो० प्रभात कुमार सचिव ट्रस्ट द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जिला पदाधिकारी अवनीश कुमार ने कहा कि श्री बाबू का जीवन , व्यक्तित्व और कार्य शैली आदर्श व अनुकरणीय है। उनके द्वारा बिहार के विकास के लिए निर्मित परियोजनाओं व उपलब्धियों को आम जनता के बीच फिर से प्रसारित करने की जरूरत है।
विकास कार्यों के प्रति उनकी निजी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता आज के राजनेताओं के लिए अनुकरणीय है।
एस डी ओ, मुंगेर ने इस अवसर पर श्री बाबू को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जितनी स्वाधीनता प्रशासनिक विभाग को दिया उतनी बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी । वे अधिकारियों से स्वच्छ , पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन में बड़ी भूमिका निभाने की अपेक्षा रखते थे।
श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय ट्रस्ट के सचिव प्रोफेसर प्रभात कुमार ने इस अवसर पर कहा कि श्री कृष्ण सिंह का कार्यकाल केवल उपलब्धियों का ही कार्यकाल नहीं था , बल्कि वह भेदभाव रहित , सभी तरह की संकीर्णताओं से मुक्त , राजनीति को सेवा भाव से ग्रहण करने वाले लोगों का कार्यकाल रहा है।
योग्य लोगों को एक साथ लेकर चलने और विकसित बिहार के लिए कार्य करने का विजन आज की राजनीति में दुर्लभ है। वे राजनेता के साथ साथ कुशल प्रशासक भी थे। उनके सामाजिक जीवन में बदलाव लाने के लिए किये गये कार्यों की लंबी श्रृंखला है।
उनके समय में बिहार भारत का सबसे अधिक विकसित राज्य था। जाति , धर्म और सम्प्रदाय जैसे विभाजनकारी भेदभाव उस समय राजनीति की परिधि से बिलकुल बाहर थे। उनके भीतर अध्ययन करने की गजब की भूख थी। उनके द्वारा जितनी अधिक मात्रा में पुस्तकें पढ़ी गयीं , उतना आज के राजनेताओं क्या विद्वानों द्वारा भी पढ़ा जाना कठिन है। श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय में उनकी पढ़ी गयी बीस हजार से अधिक पुस्तकें सुरक्षित हैं।
जमींदारी उन्मूलन कानून और देवघर शिव मंदिर में दलितों के प्रवेश के अधिकार द्वारा समाज के वंचित व पिछड़े वर्गों के लोगों को विकास की मुख्य धारा में शामिल करने का प्रयास किया । आज की राजनीति सिद्धान्त विहीन हो चुकी है तो इसके पीछे श्री बाबू के कार्यों व जीवन को राजनेताओं द्वारा भुला दिया जाना मुख्य कारण है।
इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री नवल किशोर सिंह , प्रो अवनीश चंद्र पाण्डेय, प्रो कृपाशंकर पाण्डेय , श्री राजीव कुमार , मो० तारिक , मो० महफूज़ आलम , श्री राजेश कुमार परिवृच्छा अधिकारी , रवि कुमार , मिथुन कुमार , अनिमेष कुमार , नन्हें कुमार , मनीष कुमार अधिवक्ता , शिवशंकर झा,शैलेन्द्र कुमार
तथा शहर के अन्य गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।