बीपी डेस्क। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा है. एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा कि हादसे में अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग घायल हुए हैं. बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरपी और अन्य सहयोगी एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया है. मौके पर राहत बचाव का काम जारी है. तीर्थयात्रियों के कई टेंटों में नुकसान की भी खबर है. बताया जा रहा है कि आज शाम करीब 5:30 बजे बादल फटा है.
आईटीबीपी पीआरओ ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है, बारिश अभी भी जारी है. खतरे के स्तर को देखते हुए क्षेत्र में पानी भर जाने के कारण अमरनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. अगर मौसम सामान्य रहा और अस्थायी व्यवस्था की गई तो कल से यात्रा फिर से शुरू की जा सकती है. घायलों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा रहा है.
वहीं पहलगाम संयुक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष की ओर से कहा गया कि अमरनाथ गुफा के निचले इलाकों में शाम करीब 5.30 बजे बादल फटने की सूचना मिली थी. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा बचाव कार्य जारी है. ITBP की ओर से कहा गया कि बचाव दल काम पर हैं. ITBP की टीमें अन्य एजेंसियों के साथ बचाव अभियान में हैं.
कुछ लोगों के बहने की खबर है. सैलाब से कई लोगों को निकाला भी गया है. बताया जा रहा है कि यहां काफी समय से लगातार बारिश हो रही थी. जिसके बाद आज शाम बादल फट गया. बादल फटने के बाद सैलाब तीर्थयात्रियों के टेंटों के बीच से निकला.
पीएम मोदी ने जताया दुख
पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना है. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की और स्थिति का जायजा लिया है. बचाव और राहत कार्य जारी है. प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है.”
30 जून से शुरू हुई थी अमरनाथ यात्रा
बता दें कि, अमरनाथ यात्रा पिछले दो वर्षों से कोरोना के कारण निलंबित थी. ये यात्रा इस साल बीती 30 जून से शुरू हुई है. 43 दिवसीय यात्रा 11 अगस्त को समाप्त होगी. इस वर्ष की यात्रा में लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के भाग लेने की संभावना है. इस यात्रा में अब तक 65,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं. वहीं मौसम खराब होने के कारण बीच में 2 से 3 दिन तक यात्रा को रोकना भी पड़ा है.