यूक्रेन की टुकड़ी ने डाले हथियार, पुतिन फिर दिखे न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ

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सेंट्रल डेस्क : यूक्रेन जंग को लगभग 50 दिन होने को आए हैं, वहीं रूसी सेना राजधानी कीव पर कब्जा करने में नाकाम रही है| जिसमें पूर्वी यूक्रेन पर जोरदार हमले के लिए रूस बड़े स्तर पर तैयार कर चूका है| वहीं जंग के बीच अब फिनलैंड रूस में भी टकराव का खतरा बढ़ गया है| वहीं खबर के मुताबिक, फिनलैंड ने हाल ही में नाटो के लिए दिलचस्पी दिखाई थी| वहीं भड़के पुतिन ने हथियारों से लैस रूसी सेना की फिनलैंड बॉर्डर की तरफ भेज दिया था|

जिसमें रूस ने दावा किया है कि 162 अधिकारियों सहित यूक्रेन की 36वीं मरीन ब्रिगेड के 1,026 नौसैनिकों ने मारियुपोल में आत्मसमर्पण कर दिया था| वहीं राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का कहना है कि यूक्रेन के साथ अब पीस डायलॉग नहीं हो सकता है| जिसके कारण पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ हमला जारी रखने की कमस खाई रखी है, क्योंकि कीव ने मॉस्को पर वार्ता तोड़ने का आरोप भी लगाया था|

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के करीबी विक्टर मेदवेदचुक को यूक्रेनी ने गिरफ्तार कर लिया है| जिसमेँ राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी गिरफ्तार मेदवेदचुक की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर किया था | वहीं मीडिया रिपोर्ट् के मुताबिक, रूस के हमले शुरू होने से पहले यूक्रेन में विपक्षी नेता मेदवेदचुक को देशद्रोह के केस में नजरबंद रखा था, लेकिन वह युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद ही गायब हो गए थे|

वहीं, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के सामने एक प्रस्ताव भी रखा था. उन्होंने रूस से कहा है कि अगर आप मेदवेदचुक को सुरक्षित चाहते हैं तो कैदी बनाए गए यूक्रेन के नागरिकों को आजाद कर दें | वहीं यूक्रेन की वायु सेना की ओर से दावा किया गया था कि रूसी सेना का 300वां हवाई लक्ष्य नष्ट कर दिया गया है| वहीं वायु सेना ने बताया कि उन्होंने रूसी सेना के सुखोई एसयू-25 सैन्य विमान को नष्ट कर दिया गया था| रूसी हमले झेल रहे यूक्रेन की मदद के लिए अब कई देश खुलकर सामने आने लगे हैं| अभी हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कीव का दौरा किया था| अब पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के राष्ट्रपति कीव दौरे पर गए हैं| माना जा रहा है, ये देश यूक्रेन को बड़ी सैन्य व राजनीतिक मदद दे सकते हैं|

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ दिखाई दिये तो पूरी दुनिया में दहशत फैल गई। इसके पहले यूक्रेन की 36वीं मरीन ब्रिगेड ने रूसी सेना के सामने हथियार डाल दिये। इस ब्रिगेड के करीब1026 सैनिकों ने हथियार डाले हैं। इसमें 162 यूक्रेनी सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। रूस का दावा है कि दोनेत्स्क के बागियों के साथ रूसी सेना ने जो घेराबंदी की थी, उसमें रूस को बड़ी सफलता मिली है।