Central Desk : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 सितंबर, को भारत दौरे पर आने वाली हैं. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को तोड़े जाने और रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर बात की है. उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों पर बता करते हुए कहा कि ये देश के लिए बहुत बड़ा बोझ हैं और उन्हें लगता है कि इस मुद्दे का सामाधान निकलाने में भारत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है.
उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि रोहिंग्या मुस्लिम्स उनके देश के लिए एक चुनौती बन गए हैं. उन्होंने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे लिए ये एक बहुत बड़ा बोझ है. भारत एक विशाल देश है, आप समायोजित कर सकते हैं लेकिन आपके पास ज्यादा नहीं है. तो वहीं बांग्लादेश में एक लाख से ऊपर रोहिंग्या मुस्लिम्स हैं. तो हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और पड़ोसी देशों से बात कर रहे हैं, वो कुछ कदम उठाएं जिससे कि वो वापस अपने देश आ सकें.”
शेख हसीना ने कहा कि मानवीय आधार पर हमने उन्हें शरण दी और सभी चीजें उपलब्ध कराईं. कोविड काल के दौरान हमने सभी रोहिंग्या को वैक्सीन भी लगवाई लेकिन कितने लंबे समय तक वो यहां रहेंगे. वो कैंप बनाकर रह रहे हैं. कुछ लोग ड्रग स्मगलिंग, हथियारों की तस्करी, महिला तस्करी जैसे धंधों में फंस गए हैं. दिन ब दिन ये बढ़ता ही जा रहा है. तो ऐसे में जितनी जल्दी हो सके ये अपने देश पहुंच जाएं उतना ही अच्छा है.
उन्होंने कहा कि हमने रोहिंग्या (Rohingya) को सहारा तकलीफ में दिया. जब वो परेशानियों का सामना कर रहे थे तब उन्हें सहारा दिया गया. अब उन्हें अपने देश वापस चले जाना चाहिए. एक पड़ोसी देश होने के नाते भारत इसमें एक अहम रोल निभा सकता है. ऐसा मुझे लगता है. बांग्लादेश (Bangladesh) की प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को भारत के दौरे पर आने वाली हैं. उससे पहले उन्होंने अपनी बात रखी है.