सेंट्रल डेस्क। रूस और यूक्रेन की जंग खतरनाक होती जा रही है. खबर है कि रूस ने यूक्रेन के जेपोरीजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला करने के बाद कब्जा लिया है। इसके बाद अमेरिका से लेकर यूरोप तक बड़ी हलचल पैदा हो गई है। वहीं, ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक रूस की सेना ने जेपोरीजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट को अपने कब्जे में ले लिया है। बताया जा रहा है कि रूसी हमलों में प्लांट की यूनिट 1 के रिएक्टर कंपार्टमेंट को नुकसान पहुंचा है, हालांकि खतरे की बात नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि रेडिएशन लेवल नॉर्मल है। इससे पहले यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट कर दावा किया कि रूस की ओर से लगातार जेपोरीजिया प्लांट पर हमले किए जा रहे हैं, जो यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट है। धुआं उठ रहा है, अगर यहां धमाका होता है तो ये चेर्नोबिल में हुए हादसे से भी 10 गुना ज्यादा बड़ा हादसा होगा। उन्होंने रूस से सीजफायर करने की अपील की है।
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ समय पहले ही रूसी सेना की तरफ से खेरसोन के न्यूक्लियर प्लांट पर भारी बमबारी की गई थी। उस वजह से वहां पर आग लगी और रिएक्टर्स पर खतरा मंडराया। यूक्रेन के मुताबिक रिएक्टर्स को सुरक्षित कर दिया गया है और आग बुझाने का काम किया जा रहा था। लेकिन, इस बीच अब रूसी सेना ने उस पूरे प्लांट पर ही अपना कब्जा जमा लिया है। 9 दिनों से जारी युद्ध में रूस के लिए ये सबसे बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
यूरोप के इस सबसे बड़े प्लांट पर कब्जा कर उसने यूक्रेन को बड़े सकंट में डाल दिया है। एक तरफ अब रूस की तरफ से पूरे यूक्रेन में ब्लैकआउट किया जा सकता है, तो वहीं दूसरी तरफ उसके ऊर्जा संसाधनों पर कब्जा जमाया जा सकता है। वैसे कुछ समय पहले यूक्रेन ने एक जारी बयान में कहा था कि जेएनपीपी के सभी यूनिट सही सलामत हैं। यूनिट 1 के रिएक्टर को नुकसान पहुंचा था, लेकिन उससे किसी भी दूसरी यूनिट को खतरा नहीं पहुंचता।
यह भी पढ़ें…
रेडिएशन में भी कोई फर्क देखने को नहीं मिला है लेकिन युद्ध के बीच रूस का इस पर कब्जा कर लेना काफी निर्णायक माना जा रहा है और जमीन पर कई समीकरण भी बदल सकता है। इससे पहले आज रूसी सेना ने एक यूक्रेन के टीवी टॉवर पर भी अपना कब्जा जमा लिया था। अटकलें हैं कि उस कार्रवाई के जरिए यूक्रेन के हर टीवी पर रूसी प्रोपेगेंडा चलाया जा सकता है। गलत खबरों का प्रसार करने पर जोर दिया जा सकता है।