सेंट्रल डेस्क। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख, रोरी मुंगोवेन ने बुधवार को जिनेवा में एक प्रेस वार्ता में बांग्लादेश में हुए बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय अपराधों की गंभीरता को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा, निष्कर्ष यह है कि जो कुछ भी हुआ, उसके लिए तथा जो बहुत गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और संभवतः अंतरराष्ट्रीय अपराध हैं, उनके लिए जिम्मेदार सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

यह बयान बांग्लादेश में छात्र नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बाद दिया गया, जब प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने खिलाफ बढ़ते विरोधों के कारण देश छोड़कर भारत में शरण ली थी। शेख हसीना और उनकी अवामी लीग की सरकार पिछले वर्ष अगस्त तक बांग्लादेश में सत्तारूढ़ थी, लेकिन उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान भारी दमनात्मक कार्रवाई की। इसके बाद, उनकी सरकार गिर गई और मोहम्मद यूनुस ने आठ अगस्त, 2024 को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाला।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और उनके कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सैन्य और असैन्य अधिकारियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस वारंट के बाद, बांग्लादेश की सरकार ने इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई, जिनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
मुंगोवेन ने हसीना और उनके समर्थकों के प्रत्यर्पण के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रत्यर्पण एक द्विपक्षीय प्रक्रिया है, और यह उम्मीद करते हैं कि भारत और अन्य देशों के साथ सहयोग के माध्यम से जवाबदेही की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अन्य तरीके भी हैं जिनसे बांग्लादेश के साथ सहयोग किया जा सकता है, जैसे भ्रष्टाचार की जांच करना और अवैध संपत्तियों को ट्रैक करना।
सूत्रों के हवाले से अशोक “अश्क” ने बताया कि इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने भी बांग्लादेशी नेताओं के प्रत्यर्पण पर जोर देते हुए अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत न्यायिक प्रक्रिया की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि सच में जवाबदेही तय की जाए।
तुर्क ने आगे कहा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि निष्पक्ष सुनवाई हो, उचित प्रक्रिया की गारंटी हो, और इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यथासंभव समर्थन की आवश्यकता होगी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिए गए इन निर्देशों और टिप्पणियों से स्पष्ट हो गया है कि बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघन और अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है।
विशेष रूप से, जब शेख हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ दमनात्मक नीतियों का आरोप है, तो उन्हें और उनके अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या बांग्लादेश अपनी न्यायिक प्रक्रिया में इन नेताओं को दोषी ठहराने के लिए उचित कार्रवाई करेगा या फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद उन्हें बचाने की कोशिश करेगा।
बांग्लादेश में चल रही घटनाओं ने केवल उस देश के आंतरिक राजनीति को ही प्रभावित नहीं किया है, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया में राजनीतिक अस्थिरता और मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे को भी सामने लाया है। इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार दबाव बना हुआ है, और देखा जा रहा है कि क्या बांग्लादेश के राजनीतिक संकट का समाधान शांतिपूर्वक और न्यायपूर्ण तरीके से हो पाता है।