मोतिहारी/दिनेश कुमार। बच्चों के शिक्षा पाने के अधिकार अधिनियम 2009 को मूर्तरूप देने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पूरे जिला में अभियान चलाकर विद्यालय से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ेगी।
बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ऋचा भार्गव ने गुरुवार को बड़ा बरियारपुर वार्ड नंबर 40 एवम 44 स्लम बस्ती का निरीक्षण कर युक्त बातें कही।
निरीक्षण के दौरान वैसे करीब 65 बच्चों को चिन्हित किया गया जो विद्यालय से वंचित है या विद्यालय से ड्रॉप आउट है। न्यायाधीश ने बताई कि विद्यालय से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़कर उन्हें गुणवतापूर्ण शिक्षा दी जाएगी। साथ ही निजी विद्यालयों में भी 25 फीसद सीटों पर स्लम बस्तियों के बच्चों का नामांकन कराया जाएगा। इन नामांकित बच्चों को सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के तहत छात्रवृति, पोशाक राशि, पोषाहार आदि की सुविधा दी जाएगी।
वे बच्चों के अभिभावकों से कही कि 6 से 14 उम्र के बच्चों को शिक्षा पाना उसकी संवैधानिक अधिकार है। इसके लिए सिर्फ सरकार ही उतरदायी नहीं है, बल्कि अभिवावकों को भी बच्चों को स्कूल भेजने की जिम्मेवारी लेनी होगी। निरीक्षण के दौरान प्राधिकार कार्यालय कर्मी निरंजन सिंह, कृष्णा साह आदि उपस्थित थे।