चंपारण : अब एमडीएम में घटतौली का चल रहा है खेल, मामले में एमडीएम प्रभारी झाड़ रहे हैं पल्ला

पश्चिमी चंपारण

संग्रामपुर/बीपी प्रतिनिधि। प्रखण्ड में इन दिनों बच्चो के एमडीएम के लिए आपूर्ति होनी वाली चावल में ब्यापक पैमाने पर घटतौली का खेल चल रहा हैं। प्रखण्ड के लगभग सभी विद्यालय के प्रधान शिक्षक एमडीएम के चावल में हो रही घटतौली से परेशान हैं। इसका नजारा शुक्रवार को कई विद्यालय में देखा गया जहां शिक्षकों का कहना था कि चावल आपूर्तिकर्ता एजेंसी कभी रात में तो कभी देर सन्ध्या चावल लेकर विद्यालय में आती हैं और आनन फानन में जहां बीस बोरी देनी हैं वहां सोलह और जहां सोलह बोरी देनी है वहां तेरह बोरी चावल देकर बिना रिसीव कराए चल देती हैं जबकि इतनी कटौती के वावजूद कोई भी चावल का बोरी मानक के अनुरूप नहीं होता।

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किसी में तीस तो किसी मे पैतीस तो किसी किसी बोरी में चालीस किलो से ज्यादा चावल नहीं होता। चावल आपूर्ति के बात आपूर्तिकर्ता एक या दो दिन बाद आकर चावल की रिसीविंग लेता हैं। जबकि स्थानीय स्तर पर विद्यालय पोषक क्षेत्र के लोग शिक्षक को ही इसके लिए दोषी ठहरा कर तरह तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाते हैं।इतना ही नहीं जब भी कोई शिक्षक एमडीएम का चावल आपूर्तिकर्ता से तौल करके मांग किया जाता हैं तो एमडीएम से जुड़े संवेदक व एमडीएम प्रभारी का कॉल आता हैं कि जो मिल रहा हैं उसे रख लो।

शिक्षकों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर यह भी बताया कि आपूर्तिकर्ता पिछले कई वर्षों से प्रखण्ड में एमडीएम का चावल आपूर्ति करते आ रहे हैं जिनके वर्चस्व के कारण कोई शिक्षक विरोध नहीं जता पता है। कारण है की वे स्थानीय हैं और उनकी उंची पहुंच हैं।

वहीं प्रखंड एमडीएम प्रभारी मुकेश कुमार ने इस संबंध में कहा कि एमडीएम का चावल आपूर्तिकर्ता कब लाता हैं और किस विद्यालय को कितना आवंटित करता हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी जाती हैं। चावल विद्यालय में आने के बाद ही उन्हें जानकारी मिलती हैं। बीईओ राम शोभित ने बताया कि एमडीएम का मामला मेरे अंडर नहीं आता। इसकी जबाबदेही एमडीएम प्रभारी को हैं।