संग्रामपुर/प्रतिनिधि। प्रखण्ड स्तर पर मनरेगा द्वारा निजी तलाबों की खुदाई में लगभग दो सालों से बड़ा खेल चल रहा हैं।कार्यक्रम पदाधिकारी जेई मनरेगा कार्यो से जुड़े जन प्रतिनिधि यहां पहले तालाब को मजदूरों के बजाए जेसीबी मशीन मशीन से खुदाई के करवा के यह प्रचारित करवाते हैं कि यह कोई सरकारी योजना से खुदाई नहीं कि जा रही यह निजी काम हो रहा हैं और ज्योहीं यह काम लोगो के जेहन से हटी पीओ और जेई सम्बंधित पंचायतों के जन प्रतिनिधि से मिल कर फटाफट उसे योजना में शामिल कर उन तालाबों का भुगतान मनरेगा के जॉब कार्डधारी अपने चहेते मजदूरों के नाम से शुरू कर देते हैं।
इतना ही नहीं यहां मनरेगा के तहत गण्डक दियरा क्षेत्र में भी मनरेगा की राशि से निजी तालाबों की खुदाई करवाई जाती हैं जबकि प्रति वर्ष बाढ़ आती हैं और तालाब पूर्व की तरह गण्डक के बालू से भर कर जमीन बन जाती हैं। यदि कोई ब्यक्ति इसकी जानकारी पीओ और जेई से मांगने लगता हैं तो इनकी स्थानीय स्तर पर इतनी तगड़ी सेटिंग हैं कि तालाब खुदवाने वाले जमीन मालिक और सम्बंधित जन प्रतिनिधि सामने आकर मामले के उजगार में लगे ब्यक्ति की इतनी छीछालेदर करते हैं जिसको देख आम जन भी सहम जाते हैं और मामले को पीओ द्वारा दबा कर राशि की बन्दर बांट शुरू हो जाती हैं।
इसका परिणाम पिछले वर्ष 2022 में कई पंचायतों में देखने को भी मिला।सबसे दिलचस्प पहलू तो यह हैं कि जेसीबी से तालाब खुदाई के बाद दिखाने के लिए पांच दस मजदूर में उस स्थल पर तलाब के तट व तलाब के अंदर बने जेसीबी मशीन के गड्ढे को समतल करने के लिए लगाए जाते हैं जिनकी तस्वीर भी ली जाती हैं ताकि मामला उलझने पर साक्ष्य के तौर पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।
- पीओ ने कहा:
संग्रामपुर प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी मनीष कुमार ने इस मामले में कहा कि पिछले वर्ष व इस वर्ष कितना निजी तलाब मनरेगा से बनी हैं उसकी डिटेल जानकारी कागजात देखने के बाद हीं पता चलेगा।