प्रखण्ड के अकाउंटेंट व कार्य पालक सहायक खेल रहे खेल
संग्रामपुर / उमेश कुमार। प्रखण्ड में इन दिनों प्रखण्ड अकाउंटेंट व कार्यपालक सहायको के मिली भगत से कमीशन के रूप में मोटी रकम लेकर बिना मुखिया के सहमति से पंचायत के डोंगल से भुगतान कर दिया जा रहा हैं जो अपने अपने में एक अजूबा मामला हैं।ऐसी घटना अभी प्रखण्ड के दो पंचायतों से सामने आई हैं।
जिसमें प्रखण्ड के अकाउंटेंट जितेंद्र कुमार व सुजू कुमारी द्वारा बिना मुखिया के सहमति के पंचायतों में लगी सोलर लाइट लगाने वाली कार्य एजेंसी से मोटी रकम लेकर उसका भुगतान कर दिया गया हैं जो चर्चा का विषय हैं। पूर्वी संग्रामपुर के मुखिया सुदिष्ट कुमार व बरियरिया टोला राजपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ने आरोप लगाते हुए बताया हैं कि पिछले दो वर्ष पूर्व नियम आयी कि पंचायत में जो भी कार्य होगा।
उसका भुगतान डोंगल से होगा जिसमें मुखिया और पंचायत सचिव डिजिटल हस्ताक्षर होगा। तभी से प्रखण्ड के सभी पंचायतों का डोंगल अकाउंटेंट जितेंद्र कुमार के पास रहता हैं। वरीय अधिकारियों के आदेश के वावजूद पंचायतों के कार्यपालक सहायक व प्रखण्ड अकाउंटेंट कमीशन खोरी के चक्कर में अपने पास रखते हैं। जब कोई मुखिया दबाव देता हैं तो सम्बंधित पंचायत का कार्यपालक सहायक यह कह कर डोंगल लेने से इनकार करता है कि उन्हें डोंगल चलानी नहीं आती और यहीं से मुखिया के योजनाओं में अकाउंटेंट द्वारा कमीशन का खेल शुरू हो जाता हैं।
जिसे प्रखण्ड स्तर पर बैठे वरीय पदाधिकारी भी अच्छूते नहीं हैं।कार्य पालक सहायको को डोंगल चलाने नहीं आता यह हवा जन प्रतिनिधियों में प्रखण्ड के एक वरीय पदाधिकारी ने ही फैलाई ताकि पंचायत में हो रही योजनाओं के भुगतान के पूर्व कमीशन उन तक अपने आप पहुच जाए। दोनो मुखिया का कहना हैं कि उन्हें अंदेशा हैं कि प्रखण्ड कार्यालय द्वारा मिली भगत करके गलत भुगतान भी कर लिया गया है जिसके चलते डोंगल नहीं दी जा रही हैं।
इन लोगो के द्वारा जिला पंचायत राज पदाधिकारी को आवेदन देने की तैयारी की जा रही हैं।जबकि किसी भी भुगतान के संदर्भ में मुखिया की सहमति आवश्यक होती है। उनके डोंगल का मनमाना उपयोग किया जा रहा है। ऐसे ही कई पंचायत में मुखिया को डोंगल नहीं दिया गया है। इसमें अकाउंटेंट जितेंद्र कुमार,अकाउंटेंट सुजू कुमारी और कई कार्यपालक सहायक भी शामिल है।प्रखण्ड के कई मुखिया भी डोंगल मामले में प्रखण्ड के एक वरीय पदाधिकारी के दबाव में चुप हैं ताकि उन्हके पंचायत का विकास कार्य प्रभावित नहीं हो जाये।
इस संबंध में संग्रामपुर प्रखंड के बीपीआरओ म0 अताउल्ल हक ने बताया कि पूर्व में ही प्रखण्ड अकाउंटेंट को निर्देश दिया जा चुका हैं कि सभी पंचायतों के डोंगल को पंचायतों को सौप दिया जाए लेकिन अकाउंटेंट ने निर्देश का अनुपालन नहीं किया। इसकी रिपोर्ट जिला के वरीय पदाधिकारी को सौंपी जाएगी।