- राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन
- आशा व स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाएं सर्वजन दवा
Bettiah : जिले में 10 फरवरी से शुरू हो रहे राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला स्वास्थ्य समिति के तरफ से जिला मलेरिया कार्यालय परिसर राजढेवरी में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेन्द्र कुमार ने बताया कि एमडीए कार्यक्रम के सफल संचालन में मीडिया कर्मियों की सहभागिता बहुत जरूरी है, जन जागरूकता के द्वारा सर्वजन दवा सेवन से फाइलेरिया का उन्मूलन सम्भव है। उन्होंने मीडिया कर्मियों से जनजागरूकता हेतु अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस, जीविका, शिक्षा विभाग की टीमें बैनर पोस्टर के साथ प्रचार प्रसार कर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सहयोग कर रही हैं।
- क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया
सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जिसे हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद 5 से 15 वर्ष के बाद मनुष्यों में यह हाथीपांव, हाइड्रोसील, महिलाओं के स्तनों में सूजन इत्यादि के रूप में दिखाई देता है। यह शरीर को अपंग एवं कुरूप करने वाली बीमारी है अतः इससे बचने के लिए एमडीए अभियान के दौरान दवा का सेवन अवश्य करें। दवा सेवन से किसी प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। अफवाहों पर ध्यान न दें।
- आशा व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही खाएं सर्वजन दवा
डॉ हरेन्द्र कुमार व पीसीआई के प्रतिनिधि नवलकिशोर सिंह ने बताया कि जिले के 48 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। 3485 आशा, 162 आशा फैसिलिटेटर व स्वास्थ्य कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है कि लोगों को अपने सामने ही फाइलेरिया की दवा के रूप में डीईसी और अल्बेंडाजोल खिलानी है। ध्यान रखना है कि उम्र के अनुसार ही डीईसी की टैबलेट्स खानी है। जैसे 2 से 5 साल के बच्चे को एक गोली, 6 से 14 साल के बच्चों को दो गोली और 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन टैबलेट्स खानी है।
- इन लोगों को नहीं खिलानी है फाइलेरिया की दवा
उन्होंने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को नहीं खिलानी है फाइलेरिया की दवा। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेन्द्र कुमार, रमेश मिश्रा, सुनील कुमार, राजकुमार शर्मा, केयर इंडिया से श्यामसुंदर कुमार, अमित कुमार, राजेश कुमार झा, पीसीआई के प्रतिनिधि नवलकिशोर सिंह व अन्य स्वास्थ्य कर्मी व मीडिया प्रतिनिधि मौजूद थे।