पिपरासी/प.चम्पारण/सुमंत कुमार : मधुबनी दहवा पीएचसी में पदस्थापित एएनएम ममता एंब्रोम की बीमारी में इलाज कराने के दौरान मृत्यू हो गई। उसके बावजूद विभाग द्वारा जारी किए गए स्थानांतरण सूची में उनका नाम जोड़ कर उन्हें भी मधुबनी से स्थनांतरित करते हुए रामनगर पीएचसी में नियुक्ति कर दिया गया है। स्थनांतरण सूची को विभागीय लापरवाही माना जाए या कर्मियोें का खेल कि इतनी बड़ी लापरवाही करते हुए किसी के हाथ भी नहीं कांपे और ना ही किसी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया।
मधुबनी प्रखंड के दहवा सीएचसी में पदस्थापित एएनएम ममता एम्ब्रोस की इलाज के दौरान विगत 27 जून को मौत हो गई है। एएनएम की मौत होने की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा अस्पताल परिसर में मृतात्मा की शांति के लिए दो मीनट का मौन प्रभारी डॉ आनंद कुमार के नेतृत्व में किया गया था। इतना कुछ होने के बावजूद भी विभाग किस तरह लापरवाह है ।इसका अंदाजा इसी प्रकार लगाया जा सकता है।
मृत व्यक्ति की पदस्थापना एक स्थान से दूसरे स्थान कर दिया जाता है। दहवा पीएचसी में कार्यरत एएनएम स्व. ममता एम्ब्रोस लंबी अवधि से सांस रोग से पीड़ित थी। जिनका इलाज चल रहा था, एक हफ्ता पहले हालत गंभीर होने पर इलाज के लिए पटना गई थी। इलाज के दौरान उनके पैतृक निवास पर ही मौत हो गई।
मौत की होने की सूचना मिलने पर यहां के तमाम सहकर्मियों ने बीते मंगलवार को दो मिनट का मौन धारण कर ईश्वर से प्रार्थना किया था। इतना कुछ होने के बावजूद भी विभाग द्वारा उनका पदस्थापना अन्यत्र कर दिया गया।क्या मुर्दा डुयुटी बजाएंगे।