चुनाव डेस्क। पंजाब की पटियाला शहरी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की हार हुई है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक उन्हें आप के उम्मीदवार अजीत पाल सिंह कोहली ने मात दी है। पटियाला शहरी पंजाब के 117 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। 2017 में पटियाला शहरी विधानसभा क्षेत्र अमरिंदर सिंह ने जीता था, लेकिन इस बार हार गए।
पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। ऐसे में राज्य की सबसे हॉट सीट कही जा रही पटियाला शहरी निर्वाचन क्षेत्र का नतीजा आ चुका है। कैप्टन को हराने वाले अजीत पाल सिंह कोहली शिरोमणि अकाली दल के पुराने ‘वफादार’ कोहली परिवार के पुत्र हैं। लेकिन उन्होंने इस बार शिअद छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होकर सभी को चौंका दिया था।
तीन बार विधायक रहे सरदारा सिंह कोहली के बाद उनके पुत्र सुरजीत कोहली शिअद से दो बार विधायक व एक बार मंत्री रहे थे। वहीं अजीत पाल बादल सरकार के समय मेयर रह चुके हैं। कोहली परिवार के मजबूत राजनीतिक आधार ने समीकरण बदल दिया है।
पिछले साल सितंबर में कांग्रेस द्वारा सीएम पद से हटाए जाने के बाद, पटियाला के मौजूदा विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी नवगठित पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े। कप्तान के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार विष्णु शर्मा और आप उम्मीदवार अजीत पाल सिंह कोहली थे। कांग्रेस उम्मीदवार विष्णु शर्मा ने चुनावी हलफनामे में अपने आप को एक एक बिजनेसमैन बताया है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि विष्णु शर्मा कभी कैप्टन अमरिंदर के बेहद करीबी थे। वे कैप्टन सरकार में 2002 से 2007 तक मेयर रहे थे। 2012 में शिअद में गए, लेकिन फिर कांग्रेस में शामिल हो गए।
चुनावी हलफनामे के मुताबिक उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं। 72 वर्षीय विष्णु शर्मा कक्षा 8 पास हैं और कुल 11 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। उनकी चल संपत्ति 2.3 करोड़ रुपये और अचल संपत्ति 8.7 करोड़ रुपये है। उनकी स्वयं की आय 1.5 लाख रुपये और कुल आय 6.7 लाख रुपये है।
हरपाल सिंह जुनेजा बादल परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। कहते हैं कि उन्होंने स्कूल टाइम से ही सुखबीर बादल व बिक्रम मजीठिया के साथ रैलियों में हिस्सा लिया है। वे वकालत छोड़ सियासत में आए हैं। कहा जा रहा है कि पुरानी दोस्ती को महत्व देते हुए अकाली ने हरपाल को टिकट दिया इसलिए तो नाराज कोहली परिवार आप में चला गया। शिअद उम्मीदवार हरपाल सिंह जुनेजा एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निदेशक हैं और उन्होंने अपने खिलाफ एक आपराधिक मामला घोषित किया है।
यह भी पढ़ें…
वैसे तो पटियाला शहरी सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां के 11 बार कांग्रेस उम्मीदवार विजयी हुए। तीन बार शिअद और एक बार निर्दलीय को मौका मिला। कैप्टन चार बार (2002, 2007, 2012 व 2017) यहां से जीते हैं। वैसे एक फैक्ट ये भी है कि कैप्टन यहां से कभी नहीं हारे। ज्ञात हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कैप्टन अमृतसर से मैदान में उतरे और भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली को हराया था। इसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में उनकी पत्नी परनीत कौर जीतीं थीं।