DESK : लोक आस्था के महापर्व छठ की आज शुरुआत हो रही है. आज नहाय खाय के साथ ही यह चार दिनों का महापर्व शुरू हो गया है. नहाय खाय के दिन को कुछ लोग कद्दू भात का दिन भी कहते हैं. पूरी शुद्धता के साथ छठ व्रती स्नान कर नहाय खाय का प्रसाद बनाएंगे. अरवा चावल का भात, चना दाल एवं कद्दू मिला हुआ दाल बनाया जाएगा. लौकी की सब्जी, नया आलू और गोभी की सब्जी के साथ कई जगह अगस्त के फूल का पकौड़ा भी बनेगा. आज से इस पर्व की शुरुआत हो गई है. आज से चार दिनों तक छठ में कोई भी गलती ना करें.
नहाय खाय के दिन बने प्रसाद में लहसुन-प्याज पर प्रतिबंध होता है. बैगन या बाकी अन्य सब्जियों को नहाय खाय के प्रसाद से दूर रखा जाता है. छठ व्रती प्रसाद बनाने के बाद पहले भगवान सूर्य की आराधना करते हैं उसके बाद नहाय खाय का प्रसाद ग्रहण करते हैं. छठ व्रती के प्रसाद ग्रहण के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य प्रसाद को ग्रहण करते हैं.
बता दें कि आज गंगा स्नान करने के बाद ही छठ व्रती घर जाकर प्रसाद बनाना शुरू करेंगे. कई जगहों पर गंगाजल ले जाकर गंगाजल में ही छठ का प्रसाद बनाया जाता है. सूर्योदय के पहले गंगा स्नान करना बहुत ही लाभकारी माना गया है. आज पटना में सूर्योदय के समय की बात करें तो सुबह 6:24 बजे का है.
पंडित अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि वैसे तो छठ में ब्राह्मण या किसी भी प्रकार के पंचांग की जरूरत नहीं है. यह पूरा पर्व आस्था से जुड़ा हुआ है और आस्था का ही यह पर्व है. परंतु पंचांग के अनुसार इस बार का नहाय खाय बहुत ही ज्यादा शुभ है. आज सूर्योदय से लेकर दिन के 1:25 तक अनुराधा नक्षत्र रहेगा जो सौभाग्य शोभन योग्य है. सूर्योदय से लेकर 1:25 तक के बीच में जो नहाय खाय कर लेते हैं उनके लिए शुभ योग है. यह बहुत लाभकारी होगा उनकी मनोकामना पूरी होगी.