छंद शास्त्र के आठ गणों के अधिष्ठाता होने के कारण गजानन कहलाए गणेश
*जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन।करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन॥ भावार्थ:-जिन्हें स्मरण करने से सब कार्य सिद्ध होते हैं, जो गणों के स्वामी और सुंदर हाथी के मुख वाले हैं, वे ही बुद्धि के राशि और शुभ गुणों के धाम (श्री गणेशजी) मुझ पर कृपा करें॥ भगवान श्रीगणेश को विघ्नहर्ता, … Continue reading छंद शास्त्र के आठ गणों के अधिष्ठाता होने के कारण गजानन कहलाए गणेश
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