जानिए दीपावली पर लक्ष्मीपूजन का शुभ मुहूर्त

धर्म

Desk : इस वर्ष कार्तिक कृष्ण प्रदोष व्यापिनी अमावस्या, दिनांक 24 अक्टूबर 2022 को प्रदोषकाल में अमावस्या होने पर इसी दिन दीपावली का पर्व मनाया जायेगा। लक्ष्मीपूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिरलग्न व स्थिरनवमांश में किया जाना शास्त्रोक्त है। इस वर्ष अमावस्या 24 अक्टूबर को सायं 05ः04 से प्रारम्भ होकर 25 अक्टूबर को सायं 04ः35 तक रहेगी।

दिवाकाल का श्रेष्ठ समय:- अमृत का चौघड़िया:- प्रातः 06ः35 से प्रातः 07ः59, शुभ का चौघड़िया प्रातः 09ः23 से प्रातः 10ः47, चर-लाभ-अमृत का चौघड़िया दोपहर 01ः35 से सायं 05ः47 तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त्त प्रातः 11ः48 से दोपहर 12ः33 तक रहेगा।

प्रदोष लग्न:- सायं 05ः48 से रात्रि 08ः22 तक रहेगा।

रात्रि का श्रेष्ठ समय:- चर का चौघड़िया :- सायं 05ः47 से सायं 07ः23, लाभ का चौघड़िया रात्रि 10ः35 से मध्यरात्रि 12ः11 तक, शुभ-अमृत-चर का चौघड़िया मध्यरात्रि 01ः47 से अंतरात्रि 04ः14 तक।

दिवाली पूजन में इन चीजों को करें शामिल-

दिवाली पूजन में शंख, कमल का फूल, गोमती चक्र, धनिया के दाने, कच्चा सिंघाड़ा, मोती व कमलगट्टे का माला आदि शामिल करना चाहिए।
अमावस्या तिथि कब से कब तक-

दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस साल अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।

दिवाली लक्ष्मी मुहूर्त 2022-

दीपावली 2022 लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन की अवधि 1 घंटा 23 मिनट की है। प्रदोष काल – 05:43 पी एम से 08:16 पी एम तक और वृषभ काल – 06:53 पी एम से 08:48 पी एम तक रहेगा।

लक्ष्मी पूजन मंत्र-

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
. ॐ श्रीं श्रीयै नम:
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥

वृषलग्न :- सायं 07ः02 से रात्रि 08ः59 तक, सिंहलग्न :- मध्यरात्रि 01ः32 से अंतरात्रि 03ः48 तक है।

दिनांक 25 अक्टूबर को प्रातः 04ः15 से खण्डग्रास सूर्यग्रहण का सूतक प्रारम्भ हो जायेगा, अतः दीपावली पूजन के पश्चात् सामग्री का विसर्जन प्रातः 04ः15 के पूर्व ही कर देना चाहिए क्योंकि सूतक काल की सामग्री दान/प्रसाद के योग्य नहीं बचेगी।