Nawada : होली गीतों में प्रेम और भक्ति के बावजूद, भोजपुरी के फूहड़ गीतों से हो रहा रसभंग : रामरतन प्रसाद सिंह ‘रत्नाकर’
Rabindra Nath Bhaiya: माघ वसंत पंचमी से चैत्र प्रतिपदा तक करीब डेढ़ महीने तक फगुआ या होली की स्वर लहरी को स्पष्ट करने में होली मंडली सुरीले तान में झूम उठती है। गायक मंडली परम्परागत ढोल, नाल, करताल आदि वाद्य यंत्रों के साथ प्रेम और भक्ति से भरे होली गीत गाने लग जाती है। शरद […]
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