परम्परा और मौलिकता का अद्भुत समन्वय है कवयित्री महादेवी के काव्य में 116वीं जयंती पर आयोजित हुआ समारोह
Muzaffarpur/Brahmanand Thakur कवयित्री महादेवी वर्मा के काव्य में परम्परा और मौलिकता का अद्भुत समन्वय है। वे छायावाद की प्रमुख स्तंभ और आधुनिक काल की मीरा थीं। कवि निराला ने उन्हें हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती कहा है। ये बातें साहित्यकार चंद्रभूषण सिंह चंद्र ने कहीं।वे आज कांटी के नूतन साहित्य परिषद द्वारा आयोजित महादेवी […]
Continue Reading