स्टेट डेस्क: पुलिस के हत्थे चढ़े साइबर अपराधी कविरंजन के 15 खातों में डेढ़ करोड़ से अधिक की रकम जमा होने की जानकारी पुलिस को मिली है। ऐसे में पुलिस उसके खातों को खंगालने में जुट गई है, जबकि उसके खाते राजस्थान पुलिस फ्रीज करवा चुकी है।
पूछताछ के बाद शुक्रवार को बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस ने साइबर अपराधी कविरंजन को जेल भेज दिया। जरूरत पड़ने पर पुलिस कविरंजन को रिमांड पर भी लेगी। बुद्धा कॉलोनी थाना प्रभारी निहार भूषण ने बताया कि साइबर फ्रॉड करने वाला यह गैंग मोतिहारी का है।
कविरंजन के साथ ठगी करने वाला राजन, सिराज और शिवकुमार भी मोतिहारी का ही है। इस गैंग में और शातिरों के होने की आशंका है। यह गैंग अब तक विभिन्न राज्यों से करोड़ों की ठगी कर चुका है। राजन और सिराज को यूपी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में अब शिवकुमार फरार चल रहा है।
शिवकुमार की तलाश में बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के कुछ शातिर अब भी चिह्नित नहीं किए गए हैं। मामले में पटना पुलिस के साइबर सेल की टीम भी छानबीन में जुटी हुई है।
जेल में बंद राजन है गिरोह का मास्टरमाइंड
गौरतलब है कि पकड़ा गया साइबर अपराधी कविरंजन मोतिहारी का है। वह पटना में बुद्धा कॉलोनी में मोबाइल एडिशन साइबर कैफे में काम करता था। साइबर कैफे में काम करने की आड़ में वह लोगों को ऑनलाइन खाते खुलवाने पर दो सौ रुपये का कैशबैक मिलने का झांसा देकर उनके आधार, पैन कार्ड समेत जरूरी कागजात अपने पास रख लेता था।
इतना ही नहीं उसने कुछ लड़कों को झांसा दिया था कि उसका भाई एसबीआई में अधिकारी है। वह जीरो बैलेंस पर खाता खुलवा देगा। इसके बाद लगभग 15 युवकों का आधार कार्ड, पैन कार्ड लिया और ऑनलाइन ही इन लोगों का खाता खोल दिया। सभी खातों को वह गैंग के सरगना राजन को दे दिया। राजन इन्हीं खातों में ठगी का पैसा ट्रांसफर कर बाद में पूरी रकम निकाल लेता था।