स्टेट डेस्क/ नई दिल्ली। अग्निपथ योजना के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच रविवार को तीनों सेनाओं ने साझा प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों को चेतावनी भी जारी की गई कि अगर किसी छात्र पर एफआईआर दर्ज होती है तो उसे सेना में भर्ती होने का मौका नहीं दिया जाएगा।
अग्निवीर स्कीम में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सेना ने साझा प्रेस कांफ्रेंस कर इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह योजना काफी सोच-विचार के बाद लाई गई है। तकरीबन दो साल से इस पर चर्चा चल रही थी। इस योजना का उद्देश्य युवाओं के जोश-होश के बीच तालमेल बनाना है। उन्होंने बताया कि अग्निवीरों को आम जवानों की तरह फायदे मिलेंगे। रिटायर्मेंट के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं में समय से पहले रिटायर्मेंट ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे इसकी वजह नहीं पूछी।
वहीं, सेना ने तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। थलसेना ने कहा है कि उसकी भर्ती प्रक्रिया पहली जुलाई से शुरू हो जाएगी। वहीं वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी। नौसेना की भर्ती प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी।
सैन्य प्रवक्ता ने देशभर में हो रहे प्रदर्शन को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थान जिन्होंने छात्रों से तैयारी के पैसे ले लिए हैं वे उन्हें उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी युवा के खिलाफ एफआईआर होती है तो उसे भर्ती होने का मौका नहीं दिया जाएगा।
अनिल पुरी ने बताया कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों मिलती हैं। सेवा शर्तों में कोई भेदभाव नहीं होगा।
एयर मार्शल एसके झा ने बताया कि 24 जुलाई से फैज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक विज्ञापन सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग सेंटर में रिपोर्ट करेंगे।
एयर मार्शल एसके झा ने जानकारी दी कि दिसंबर के अंत तक अग्नवीर के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लेंगे। 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। अनिल पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी अग्निवीरों को रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा। उम्मीदवारों को सशस्त्र बलों में आगे नामांकन के लिए चुने जाने का कोई अधिकार नहीं होगा। चयन सेना व सरकार का क्षेत्राधिकार होगा। यह भी तय किया गया है कि मेडिकल ट्रेडमैन को छोड़कर इंडियन एअर फोर्स के नियमित कैडर में एयरमैन के रूप में नामांकन केवल उन्हीं कर्मियों को दिया जाएगा, जिन्होंने अग्निवीर के रूप में सेवा अवधि पूरी की हो।
पुरी ने बताया कि चार साल के लिए वायुसेना में भर्ती। हर साल 30 दिन की छुट्टी प्लस सिक लीव मिलेगी। रिस्क, ट्रेवल, ड्रेस और हार्डशिप अलाउंस भी मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अग्निवीरों को कैंटीन सुविधा और मेडिकल सुविधा भी नियमित कैडर की तरह ही मिलेगी। असम राइफल्स और सीएपीएफ में नौकरियों में वरीयता और रक्षा मंत्रालय में 10 फीसदी आरक्षण की बात भी तय हो गई है। वीरगति को प्राप्त होने की दशा में परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ की राशि प्रदान की जाएगी। युद्ध में विकलांगता पर एक्स-ग्रेशिया और बची हुई नौकरी की सैलरी और सेवा निधि दी जाएगी साथ ही एअरफोर्स की गाइडलाइंस के अनुसार ऑनर और अवॉर्ड भी मिलेगा।
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