सुंदर सपना टूट गया…

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Kanpur, Bhupendra Singh । बीसीसीआई मे सिरमौर भारत देश मे किसी भी विशेषाधिकारी और सेलेब्रेटी से कमतर नही आका जा सकता है। इसमे सिरमौर बनने के लिए देश भर के प्रदेश सघो के अध्यक्ष व सचिव अपने कार्यकाल मे एक बार सपना अवश्य देखता है। ऐसा ही सपना उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ से जुडे पदाधिकारियो और कार्यकारिणी के लोगो के साथ ही वर्तमान सचिव, पूर्व सचिव भी देखते आ रहे थे लेकिन सघ मे सदस्‍यो की आपसी खींचातानी और विवाद उसके लिए शायद मुसीबत खड़ी करने में सहयोग कर गए।

जिससे संघ के पूर्व सचिव के अध्यक्ष बनने का सपना लगभग टूट गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में सिरमौर बनने से बस एक कदम दूर उनके कदम मानो किसी ने रोक दिया हो। पूर्व सचिव राजीव शुक्ला अब बीसीसीआई में एक बार फिर से बोर्ड के उपाध्यक्ष चुन लिए गये हैं। बीसीसीआई से जुडे उनके समर्थक इस घटनाक्रम से अचम्भित और आक्रोशित भी है लेकिन श्रीनिवासन गुट के प्रभावी रवैये से उनके समर्थको को निराशा ही हाथ लगी है। गौरतलब है कि राजीव शुक्ला को बीसीसीआई में उपाध्यंक्ष चुना गया है जो लगातार उनका दूसरा कार्यकाल होगा जो 2025 तक रहेगा। उनकी उम्र इस समय 63 साल है और अपना कार्यकाल पूरा होने तक वह 66 वर्ष के हो जायेंगे।

इसके अलावा लोढ़ा समिति द्वारा अपनाए गये नियमों के अनुसार उन्हें दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले तीन सालों तक कूलिंग ऑफ पीरियड गुजारना होगा। लिहाजा उस दौरान वह न तो बीसीसीआई और न ही यूपीसीए में किसी भी पद पर रह सकेंगे। 69 साल पूरा होने के बाद उनके पास मात्र एक साल का कार्यकाल बचेगा क्योंकि नियमानुसार 70 साल के ऊपर के किसी भी व्यक्ति को कार्यसमिति में शामिल नहीं किया जा सकता। क्रिकेट के जानकारो के अनुसार एक साल के समय में वह बीसीसीआई में वापसी नहीं कर पायेंगे क्योंकि जो भी समिति गठित होती है वह तीन साल के लिये होती है। लिहाजा वह बीसीसीआई में इस बार अपनी आखिरी पारी खेलने जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के लोगों को पूरी उम्मीद थी कि राजीव शुक्ला बीसीसीआई अध्यक्ष या सचिव जरूर बनेगे लेकिन वह उम्मीद अब समाप्त हो चुकी है। यह लगभग तय हो चुका है कि वह इस बार बीसीसीआई में अपनी लास्ट इनिंग खेलते नजर आएंगे जिससे उनका बोर्ड मे अध्याक्ष बनने का सपना टूट सा गया है।यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस बार राजीव शुक्ला के अध्यक्ष चुने जाने की पूरी सभावना थी लेकिन जिन्न की तरह रोजर बिन्नी सामने प्रकट हो गए और सपना पूरा नही हो सका।अब राजीव शुक्‍ला को एक बार फिर से आईपीएल की जिम्मेदारी मिलने की सभावना को देखा जा रहा है।