मठ कल्याणपुर गांव के 35 परिवार की आजीविका का मुख्य साधन बना है भिक्षावृत्ति

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स्माइल टीम ने सर्वे में पता लगाया वैसे परिवारों का, कहा मिलेगी सरकारी सहयोग

मोतिहारी / राजन द्विवेदी। स्माइल परियोजना अंतर्गत “मिशन गरिमा” के तहत सर्वे टीम ने जिले के कल्याणपुर प्रखंड स्थित मठ कल्याणपुर गांव के तीस वैसे परिवारों का पता लगाया है, जिनके जीवन यापन का साधन भिक्षावृत्ति ही है। इस दौरान सर्वेक्षण टीम ने सर्वेक्षित भिक्षुओं के साथ विचार विमर्श करते हुए उनकी दक्षता एवं आवश्यकता को भी जाना। भिक्षुको ने बताया कि जीविकापार्णन के लिए भिक्षाटन करते हैं।

उनका मानना है कि इस कार्य में गरिमा एवं प्रतिष्ठा नहीं है। यदि उनको रोजगार अथवा व्यवसाय के अन्य साधन उपलब्ध करा दिए जाएं तो रोजगार करना ही चाहेंगे और भिक्षावृत्ति से उन्हें मुक्ती मिलेगी। इस गांव में लगभग 35 परिवार ऐसे हैं जिनकी आजीविका का मुख्य साधन भिक्षावृत्ति ही है।

उन्होंने मांग किया कि यदि सरकार के द्वारा उन्हें कुछ ऋण उपलब्ध करायी जाई तो वह गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए रोजगार करेंगे। उक्त परामर्श सह सर्वेक्षण टीम का नेतृत्व बाल संरक्षण की सहायक निदेशक ममता झा कर रही है। इनके साथ शिवेंद्र कुमार, सहायक निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग, राजीव कुमार बिहार विकास मिशन एवं प्रखंड समन्वयक विकास कुमार मौजूद थे।

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