बिहार: गलत आंकड़े देने वाले अफसरों पर सात दिनों में कार्रवाई- ग्रामीण विकास मंत्री

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स्टेट डेस्क: ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि अगर विभाग के अधिकारियों ने मनरेगा से संबंधित गलत आंकड़े दिए हैं तो सात दिनों के अंदर पर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोई गलत जवाब देकर सदन को गुमराह नहीं कर सकता। सरकार ऐसे अधिकारियों से सख्ती से निबटेगी।

बुधवार को अल्पसूचित प्रश्न में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने विधानसभा में मनरेगा में सरकार की ओर से दिए गए आंकड़े को असत्य करार दिया। कहा कि सरकार चाहे तो अपने अधिकारियों को बुलाकर हमें सामने बैठाकर उन्हें यह आंकड़ा दिखाए।

मनरेगा की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बिहार में कुल 45.67 लाख लोगों में मात्र 14 हजार 590 लोगों को ही 100 दिन मजदूरी करने का अवसर मिला और प्रति परिवार औसत श्रम दिवस 36.65 है। बिहार में कुल 3 करोड़ 21 लाख 76 हज़ार 983 वर्कर्स हैं, जिसमें मात्र 29.42 % यानी 94 लाख 66 हज़ार 019 लोग ही एक्टिव हैं।

बाकियों को सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है। बिहार में देश में सबसे कम मजदूरी दर मिलती है जो 197.92 रुपया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.53 करोड़ लोगों ने सरकार से रोजगार मांगा था और सरकार कह रही है कि 62 लाख 9 हज़ार लोगों ने ही काम मांगा।

सरकार 99.81 फीसदी लोगों को काम देने की बात कह रही है, जबकि रियल टाइम डाटा कह रहा है कि केवल 45 लाख 67 हज़ार लोगों को ही काम मिला। बिहार में कुल 2 करोड़ 36 लाख जॉब कार्ड हैं, जिसमें मात्र 80 लाख 88 हज़ार कार्ड ही सक्रिय हैं।