पटनाः बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इसमें कहीं संदेह नहीं कि शराब, दहेज और बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है और सामाजिक बुराई से तो लड़ना ही चाहिए. इसमें कहीं दो राय नहीं है. मानव इतिहास में जितने भी महापुरुष, ऋषि मुनि, समाज सुधार यही करते आए हैं.
इस देश में लंबे समय से दहेज विरोधी कानून था, बाल विवाह विरोधी कानून था, तो शराब विरोधी कानून क्यों नहीं बन सकता? बनना ही था. ये अलग बात है कि जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपनी बात कही कि शराब को रोकने के लिए कानून बनना चाहिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन में कहीं न कहीं यह इच्छा थी कि तभी तो उनकी बात मानी और राज्य में शराबबंदी कानून लागू हो सका. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि शराबबंदी कानून बिहार में आया ये सफल रहा और टिक सका, ये जीविका दीदियों और समाज के सहयोग से संभव हुआ.
समूह में जुड़ें, दोबारा पक्का इरादा करें और जुट जाएं कि शराब को समाज से उखाड़ फेंकेंगे. समाज में इसे दोबारा नहीं आने देंगे. जहां भी आप देखें कि शराब पीने की, बेचने की गतिविधि का प्रयास होता है तो उसको रोकिए.
हालांकि अब कोई प्रयास भी नहीं करेगा क्योंकि कड़ाई बहुत है. अगर फिर भी कोई नहीं माने तो आग्रह-सत्याग्रह कीजिए. इसके बाद भी नहीं माने तो आपको जो नंबर दिया गया है उसपर संपर्क कीजिए. आज जीविका दीदियों और स्वयं सहायता समूह से ही यह सफल हुआ है.