स्टेट डेस्क: स्थानीय निकाय कोटे के तहत विधान परिषद की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव की आहट के बीच राजद और कांग्रेस के बीच एक बार फिर तल्खी बढ़ रही है। चंपारण से राजद उम्मीदवार उतारे जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व नाराज हो गया है।
पार्टी ने ऐलान कर दिया है कि राजद से समझौता हो या नहीं, पार्टी विप चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों तारापुर व कुशेश्वरस्थान के लिए हुए विधानसभा उपचुनाव में भी राजद के रुख से नाराज कांग्रेस अकेले ही मैदान में उतर गई थी।
पार्टी नेताओं के अनुसार साल 2015 में महागठबंधन खेमे में कांग्रेस को 4 सीटें मिली थी। उस समय महागठबंधन में कांग्रेस के अलावा राजद व जदयू भी था। कांग्रेस समर्थित चार उम्मीदवार सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और पश्चिमी चम्पारण से चुनाव लड़े थे। लेकिन इस बार अभी तक कांग्रेस-राजद में समझौता नहीं हुआ है। वहीं, राजद की तरफ से पश्चिम चंपारण को लेकर कैंडिडेट का नाम फाइनल करने की बात सामने आ रही है।
बिना कांग्रेस की सहमति के ही राजद की तरफ से उम्मीदवार देने पर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व सकते में है। प्रदेश नेताओं के अनुसार पिछले दिनों राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा था कि कांग्रेस को 24 में से 6-7 सीटें दी जा सकती है। उसी आधार पर कांग्रेस ने 7 सीटों की मांग की है।
हालांकि राजद नेतृत्व की तरफ से कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर कुछ भी नहीं कहा गया है लेकिन उम्मीदवार उतारने का क्रम शुरू कर दिया गया है। ऐसे में अब कांग्रेस के प्रदेश नेताओं की निगाहें अब आलाकमान पर टिकी हैं। अगर आलाकमान की हरी झंडी मिली तो कांग्रेस अपने दम पर भी चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।