स्टेट डेस्क: अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। अपराधियों पर नकेल कसने और उन्हें सजा दिलाने से लेकर कैदियों तक की निगरानी को लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। न सिर्फ गिरफ्तारी पर फोकस किया गया बल्कि पुलिसिंग के तमाम पहलुओं पर कारगर ढंग से काम हो, इसके लिए गृह विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है।
गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत सार्वजनिक स्थानों पर फायरिंग, हथियार लहराना व धमकी देना, हत्या, डकैती, लूट, फिरौती हेतु अपहरण, रंगदारी, चेन या मोबाइल छिनने की घटनाएं, महिलाओं के विरुद्ध अपराध व एससी-एसटी के विरुद्ध हुए अत्याचार को गंभीर श्रेणी के अपराध में रखा है। इन घटनाओं से जुड़े मामलों में जिला पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई का पर्यवेक्षण रोजाना पुलिस मुख्यालय करेगा।
इन दस श्रेणी के कांडों में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करना होगा। फरार रहने की सूरत में ऐसे कितने वारंटों का तामिला हुआ। किन परिस्थितियों में गिरफ्तारी नहीं हुई, इसकी भी समीक्षा होगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि कितने वारंट एक माह के अंदर, कितने एक से तीन माह और कितने तीन महीने से अधिक से लंबित हैं।