स्टेट डेस्क: बिहार सरकार द्वारा संचालित राज्य के विभिन्न शेल्टर होम/ रिमांड होम में रहने वाले वासियों के विरुद्ध कथित तौर पर किये जा रहे यौन उत्पीड़न, शारीरिक हिंसा व दुरूपयोग की समुचित और शीघ्र जांच पटना हाई कोर्ट के पर्यवेक्षण ( सुपरविजन ) में करवाने को लेकर एक जनहित याचिका पटना हाई कोर्ट में अधिवक्ता अलका वर्मा के जरिये दायर की गई है।
औरंगाबाद की रहने वाली याचिकाकर्ता सुषमा कुमारी ने अपने जनहित याचिका में कहा है कि इस तरह की एक भयानक घटना का एक अंश 31 जनवरी, 2022 को मीडिया के द्वारा गाय घाट आफ्टर केअर होम में रह चुकी एक महिला द्वारा खुलासा किया गया है। इस याचिका के जरिये जुवेनाइल जिस्टिस कानून की योजनाओं को लागू करने और नाबालिग बच्चे की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करने के लिए आदेश देने का आग्रह भी किया गया है।
इनके जीवन और मर्यादा की सुरक्षा करने में असफल रहे हैं। बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी के सदस्य सचिव की अध्यक्षता में एक मोनिटरिंग कमेटी का गठन करने के लिए आदेश देने का आग्रह भी किया गया है।
गाय घाट शेल्टर होम समेत राज्य के अन्य शेल्टर होम के बच्चों के पूरी तरह से पुनर्वास के लिए एक योजना बना कर इसे लागू करने हेतु आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया गया है।याचिका में इस तरह के शेल्टर होम/ रिमांड होम/ ओल्ड एज होम की ऑडिट के लिए सोशल ऑडिट बनाने हेतु आदेश देने का आग्रह किया गया है।
इसके साथ ही साथ इन शेल्टर होम से लापता बच्चों की सूचना वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए आदेश देने का आग्रह भी किया गया है। जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध एफ आई आर करने समेत अन्य आग्रह इस जनहित याचिका के जरिये किये गए हैं।