पीरपैंती में 2400 मेगावाट बिजली परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी,बढ़ेगी ऊर्जा आत्मनिर्भरता!

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•टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी निविदा (टीबीसीबी) से होगा क्रियान्वयन!

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पटना, डेस्क : भागलपुर के पीरपैंती में अधिग्रहित भूमि पर 3X800 मेगावाट (कुल 2400 मेगावाट) ताप विद्युत परियोजना की स्थापना को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह परियोजना टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी टेंडर (टीबीसीबी) के तहत क्रियान्वित की जाएगी और इसकी नोडल एजेंसी बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड होगी। इस परियोजना से राज्य की ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और बिहार को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

पूर्व प्रस्ताव और संशोधन की आवश्यकता

पहले इस भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की योजना थी, लेकिन विशेषज्ञ एजेंसियों द्वारा किए गए विस्तृत अध्ययन में पाया गया कि पीरपैंती का भू-भाग सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए उपयुक्त नहीं है। वहीं, इस भूमि पर ताप विद्युत परियोजना की संभावनाओं को बेहतर पाया गया, क्योंकि यह कोयला स्रोतों के पास स्थित है, जिससे परिवहन लागत में कमी आएगी और ऊर्जा उत्पादन अधिक किफायती होगा।

इस संदर्भ में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने भी इस परियोजना को उपयुक्त मानते हुए सहमति दी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 के केंद्रीय बजट में इस परियोजना के लिए 21,400 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ताप विद्युत परियोजना का अधिष्ठापन ही आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक और लाभकारी रहेगा।

केंद्र और राज्य स्तर पर हुई उच्चस्तरीय बैठकों के बाद, बिहार सरकार ने परियोजना की व्यवहार्यता का आकलन किया। दिनांक 9 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बिहार सरकार को संभाव्यता रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया। इस पर बीएसपीजीसीएल ने सलाहकार नियुक्त किया, जिन्होंने विस्तृत अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि पीरपैंती स्थल पर 3×800 मेगावाट ताप विद्युत परियोजना की स्थापना उपयुक्त होगी।

इसके बाद, 3 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में हुई बैठक में विद्युत मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर चर्चा की और इसे मंजूरी दी। बिहार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 31 जनवरी 2025 को हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस परियोजना के लिए अंतिम सहमति बनी और निर्णय लिया गया कि इसका कार्यान्वयन टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी निविदा (टीबीसीबी) के तहत किया जाएगा।

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इस निर्णय को बिहार की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। पीरपैंती में ताप विद्युत परियोजना की स्थापना से राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह परियोजना न केवल राज्य के औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि बिहार को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि पीरपैंती ताप विद्युत परियोजना अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होगी, जिससे पर्यावरणीय प्रभावों को कम करते हुए अधिकतम ऊर्जा उत्पादन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, इस परियोजना के लिए टैरिफ आधारित निविदा अपनाई जाएगी, जिससे परियोजना का निर्माण न केवल ससमय होगा बल्कि राज्य के लोगों को उचित दर पर बिजली भी मिलेगी।

पाल ने बताया कि इस परियोजना से राज्य के ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी जिससे राज्य की बिजली जरूरतें पूरी होंगी। परियोजना स्थल ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कोयला खदानों के नजदीक है, जिससे कोयला परिवहन की लागत कम होगी और उत्पादन अधिक किफायती रहेगा। इसके अलावा इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी सृजित होंगे। ऊर्जा सचिव ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही इस परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगी।