नगर के खिलाडियों को यूपीसीए की उपेक्षा का होना पडा शिकार

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Kanpur, Bhupendra Singh : यूपी की अण्डर-19 क्रिकेट टीम में इस बार भी नगर के खिलाडियों को उपेक्षा का शिकार होना पडा है। नगर के खिलाडी यूपीसीए के पर्दे के पीछे बैठे चयनकर्ताओं के चयनकर्ता की साजिश का शिकार बीते कई सालों से होते आ रहे हैं। अब नगर से यूपी की टीम में उन्हेे ही शामिल होने का मौका मिलता है जो रसूखदार घराने से सम्बन्ध रखते हो या फिर चयनकर्ता की मुटठी गर्म करके। माना जा रहा है कि यूपी टीम के लिए खिलाडियों की चयन प्रक्रिया नगर में मैदानों में केवल खानापूर्ति के लिए ही की जाती है। जबकि टीम कहीं बन्द कमरे में लगे प्रिन्टिंग मशीन से निकाल कर घोषित कर दी जाती है।

अगर देखा जाए तो केवल रणजी व सैयद मुश्ताक के अलावा किसी भी टीम में नगर के खिलाड़ियों को ढूंढना मुश्किल हो जाएगा। प्रदेश के सबसे सीनियर टीम में अंकित राजपूत, व कुलदीप यादव के अलावा कोई खिलाड़ी नहीं है। जबकि अंडर 23 से लेकर अंडर 14 तक की टीम में अब नगर से एक दो खिलाडी ही उस का प्रतिनिधित्व करते दिखायी दे रहे हैं। जबकि नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ जिले से कम से कम 5 से 7 खिलाडियों की मौजूदगी जगजाहिर है। बीते कई सालों से इस दोहरी मापदंड वाली चयन नीति के चलते कई होनहार व प्रतिभाशाली खिलाड़ी टीम में शामिल न हो पाने के चलते अपना मनोबल खो चुके हैं।

जबकि धांधली से की जा रही चयन प्रक्रिया में कई सालों से प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के बजाए रसूखदार व प्रभावशाली लोगों के बच्चे ही टीम का प्रतिनिधित्व करते नजर आ रहे हैं। कई प्रतिभाशाली क्रिकेटरों ने तो भरे मन से अब चयनकर्ताओं पर ही आरोप लगाने शुरु कर दिए हैं। ये बात अलग हैं कि वह अपना विरोध खुलकर प्रकट नहीं कर पा रहे हैं।इस बार की अण्डर -19 टीम के लिए केवल दो ही खिलाडियों को चुना गया जबकि लखनऊ से 4,मेरठ से 6 तो गाजियाबाद से भी 6 खिलाडियों का चयन इस बात को दर्शाता है कि नगर के क्रिकेटरों के साथ पूरी तरह से अन्याय किया जा रहा है।

वहीं, कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन के महाप्रबंधक दिनेश कटियार ने कहना है कि, उत्तर प्रदेश की क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में नगर के खिलाड़ियों का शामिल न किया जाना कोई नई बात नहीं है। चयनकर्ताओं की साजिश का शिकार बीते कई सालों से खिलाड़ी हो रहे हैं।

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