बिहार में कानून व्यवस्था और शराबबंदी को लेकर CM नीतीश ने कसी अधिकारियों की नकेल, कहा- कोताही बर्दाश्त नहीं

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स्टेट डेस्क: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों को दो टूक कहा है कि अपराध रोकने और शराबबंदी में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि रात्रि गश्ती और पैदल गश्ती निरंतर करें और किसी प्रकार की लापरवाही इसमें न हो, यह सुनिश्चित करें। वरीय पदाधिकारी भी इसकी अपने स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग करें।

मुख्यमंत्री ने एक अणे मार्ग स्थित ‘लोक संवाद’ में विधि व्यवस्था एवं मद्य निषेध के क्रियान्वयन को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को कई निर्देश दिए। सवा तीन घंटे से अधिक देर तक चली इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य स्तर के पदाधिकारियों समेत प्रमंडलों और जिलों में तैनात अफसरों से भी हर बिंदु पर जानकारी ली। उनका साफ कहना था कि पुलिस मुख्यालय से लेकर थाना स्तर तक अपराध नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए पूरी चौकसी बरती जाए।

शराबबंदी के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी पटना पर विशेष नजर रखें। गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जहरीली शराब की रोकथाम के लिए भी जिलाधिकारी विशेष चौकसी बरतें, इसमें लिप्त लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करें। कहा कि ड्रोन, मोटरबोट, स्वान दस्ता एवं आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर सघन छापेमारी कार्य को योजनाबद्ध ढंग से अंजाम देते रहें, ताकि कोई भी धंधेबाज बच नहीं पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों की मानसिकता अच्छी है। सीमित लोग गड़बड़ी करने वाले हैं, उन पर विशेष नजर रखें, ताकि वो किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं कर पाएं। शराबबंदी से बिहार के लोगों को काफी फायदा हो रहा है। राज्य में शराबबंदी के बाद दूध, सब्जी, मिठाई, फल आदि चीजों की खपत बढ़ी है।

उन्होंने यह भी कहा कि नीरा उपयोगी है, इसे प्रचारित करें तथा इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए तेजी से काम करें। मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने दो दिनों पहले भी शराबबंदी कानून की समीक्षा बैठक की थी और शराब के धंधेबाजों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था।