स्टेट डेस्क: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव मिली करारी हार के बाद कांग्रेस की स्थिति और दयनीय होने वाली है। विधानसभा चुनावों में फिसड्डी साबित होने वाली कांग्रेस को अब राज्यसभा में भी तगड़ा झटका लगने वाला है। कांग्रेस के हाथ से राज्यसभा में विपक्ष की नेता का दर्जा भी जा सकता है।
इस साल राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव होने के बाद, कांग्रेस के सदस्यों की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसे में विपक्ष के नेता की स्थिति को बनाए रखने के लिए वह जरूरी संख्या के काफी नजदीक आ जाएगी। अगर पार्टी इस साल के अंत में गुजरात चुनावों और अगले साल कर्नाटक विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने में असमर्थ रही तो यह राज्यसभा के बाद के द्विवार्षिक चुनावों में विपक्ष की नेता का दर्जा खो देगी।
वर्तमान में कांग्रेस के पास राज्यसभा में 34 सदस्य हैं और इस साल कम से कम सात सीटें हारने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना है। मानदंडों के अनुसार एक पार्टी के पास सदन की कुल सदस्यता का कम से कम 10 प्रतिशत संख्या बल होना चाहिए तभी जाकर उसे विपक्ष की नेता का दर्ज दिया जाता है।