पटना, अशोक “अश्क” बेगूसराय जिले के सिमरिया गंगा नदी तट पर बन रहे सिक्स लेन सड़क पुल का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है। गुरुवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने औंटा-हाथीदह की ओर पुल निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। हालांकि, समय की कमी के कारण वे सिमरिया की तरफ का दौरा नहीं कर सके और पटना लौट गए। इस निरीक्षण के दौरान एसपी सिंगला कंपनी और एनएचएआई के अधिकारियों ने उन्हें पुल निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी दी।

एसपी सिंगला कंपनी के उप प्रबंधक प्रमोद पांडेय ने बताया कि सिक्स लेन पुल का 90 से 95 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। बचा हुआ कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। योजना के अनुसार, 31 जनवरी 2025 तक पुल के एक लेन को चालू कर दिया जाएगा, जिससे तीन गाड़ियां एक साथ गुजर सकेंगी। वहीं, 31 मार्च 2025 तक पूरे पुल को आम जनता के लिए खोलने की योजना है।
सिक्स लेन सड़क पुल गंगा नदी पर आसान, सुरक्षित और तेज यातायात सुनिश्चित करेगा। यह पुल न केवल यात्रियों के लिए समय की बचत करेगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास, व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा देगा। यह पुल अधिक गाड़ियों को एक साथ गुजरने की सुविधा देगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी।
यातायात सुगम होने से यात्रियों का समय बचेगा और आवागमन में सहूलियत होगी। पुल क्षेत्र के उद्योग और व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग बनेगा। व्यवस्थित यातायात से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। पुल निर्माण कार्य को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने के लिए दिन-रात काम चल रहा है।
एसपी सिंगला कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि निर्माण एजेंसी पूरी तत्परता से कार्य कर रही है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक कुमार और अन्य अधिकारियों ने भी उपमुख्यमंत्री को इस परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी दी। सिक्स लेन पुल के निर्माण से क्षेत्र में रोजगार, व्यापार और उद्योग के नए अवसर पैदा होंगे।
यह पुल गंगा नदी के दोनों तरफ बसे गांवों और कस्बों के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। निरीक्षण के बाद उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह परियोजना राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पुल के समय पर पूरा होने से क्षेत्र के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
सिमरिया गंगा नदी पर बन रहा यह सिक्स लेन पुल न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि यह राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इसके निर्माण से यात्री और व्यापारिक आवागमन आसान होगा, जिससे क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।