Kanpur, Bhupendra Singh : दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस पर्व के पीछे भी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धनवन्तरि अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद को लेकर प्रकट हुए थे। शनिवार को धनतेरस से 5 दिवसीय पर्व की शुरुआत हो जाएगी इसके लिए नगर और उससे सटे इलाकों में बाजार पूरी तरह से सज चुके है।
भगवान श्रीगणेश लक्ष्मी की मूर्तियों से लेकर मिष्ठान आदि की दुकानों में अब ग्राहकों का इन्तजार हो रहा है।गौरतलब है कि आयुर्वेद लेकर प्रकट होने की वजह से भगवान धनवन्तरि को औषधि का जनक भी कहा जाता है। धनतेरस के दिन धन के देवता भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। भगवान कुबेर को लक्ष्मी जी का खजांची कहा जाता है। धनतेरस वाले दिन खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। दीपावली से संबंधित खरीदारी भी इसी दिन की जाती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन जिस वस्तु की खरीदारी की जाएगी उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। अब ऐसे में लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आता है कि आखिर किस सामान की खरीदारी की जाए।
बर्तन की खरीदारी चांदी की खरीदारी दिवाली पूजन सामाग्री समेत कूछ अन्य वस्तुओं की खरीद-फरोख्त ही धनतेरस के दिन शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन बर्तन की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। बर्तन की खरीदारी करते समय पीतल धातु से बना बर्तन खरीदने से धन व वैभव के साथ यश कीर्ति भी बढती है। बर्तन खरीदने के पीछे मान्यता है कि जब भगवान धनवंतरि प्रकट हुए तो वह एक पात्र में अमृत लेकर आए थे। इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन की खरीदारी की जाती है।
धनतेरस के दिन चांदी धातु की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस दिन आप चांदी के बर्तन या सिक्के खरीद सकते हैं। चांदी चंद्रमा की धातु है धनतेरस के दिन चांदी की खरीदारी करने से घर में यश, कीर्ति, ऐश्वर्य और संपदा में वृद्धि होती है। धनतेरस के दिन से ही दिवाली की शुरुआत हो जाती है। दिवाली से संबंधित खरीदारी भी इसी दिन की जाती है। लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, खील-बताशे और मिट्टी के दिए धनतेरस के दिन ही खरीदना हिन्दूे मान्यता के अनुसार शुभ होता है। काशीराज दिवोदास के रूप में अवतरित भगवान धन्वन्तरि के पास अन्य महर्षिर्यों के साथ आयुर्वेद का अध्ययन करने हेतु गये और उनसे आवेदन किया। उस समय भगवान धन्वंतरि ने आयुर्वेद की जडी बूटी से भी उसी दिन मनुष्य का उपचार शुुुरु किया ।