पुलिन त्रिपाठी। धकधक गर्ल रविवार को 55 साल की हो गईं। अगर अभी तक आपने नहीं विश किया है तो उनके ट्विटर हैंडल @MadhuriDixit पर उन्हें बर्थ-डे विश कर ही डीलिए। वैसे उनके बारे में आपको बताएं तो खूबसूरती और बेहतरीन डांस के साथ कलाकारी का अद्भुत संगम देखना है तो सुनहरे पर्दे पर माधुरी की पहली हिट फिल्म तेजाब से शुरू कर सकते हैं।
70 से भी ज्यादा फिल्मों में जलवा बिखेर चुकी माधुरी के दीवानों में मशहूर चित्रकार एमएफ हुसैन भी रहें हैं और आज के युवा भी। ‘धकधक करने लगा मेरा जियरा डरने लगा’ गाने की वजह से माधुरी को इंडस्ट्री की धकधक गर्ल का खिताब मिला।
आज भारत और पाकिस्तान के तमाम दिलों की धड़कन बन चुकीं माधुरी का जन्म 15 मई 1967 को मुंबई में एक मराठी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता शंकर और स्नेहलता दीक्षित के चार बच्चे थे। शुरू से ही माधुरी को डांस में इतनी रुची थी कि उनके पिता ने उन्हें तीन साल की उम्र से ही कथक क्लास में इंट्री दिला दी।
आठ साल की होने तक वह कथक में पारंगत हो गईं थीं। तब उन्होंने गुरु पूर्णिमा पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। एक जर्नलिस्ट ने इस प्रोग्राम पर एक आर्टिकल लिखा, ‘इस छोटी बच्ची ने कार्यक्रम को चुरा लिया’। जिसके कुछ समय बाद 9 साल की उम्र में माधुरी को कथक के लिए स्कॉलरशिप भी दी गई।
माधुरी की पहली फिल्म 1984 में आई। नाम था ‘अबोध’। जो फ्लॉप हो हुई। यह और बात है कि इस फिल्म में माधुरी की परफार्मेंस को क्रिटीक्स का खूब प्यार और सम्मान मिला। जिसके बाद ‘आवारा बाप’ भी फ्लॉप रही। इसी बीच एक फोटोग्राफर ने उनकी फोटो खींचकर डेबोनेयर मैग्जीन के कवर पर छाप दी। इस फोटो के कारण 1986 में माधुरी को कवर गर्ल के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया।
इसके बाद 88 में आई ‘तेजाब’ ने माधुरी को इस फिल्म ने रातोंरात स्टार बना दिया था। एक समय ऐसा भी आया जब माधुरी ने सलमान खान से भी ज्यादा फीस चार्ज की। फिल्म का नाम था, हम आपके हैं कौन। बॉलीवुड खबरी के मुताबिक इस फिल्म के लिए उन्होंने 2.7 करोड़ रुपये चार्ज किए।
शेखर सुमन संग स्कूटर से आतीं थीं सेट पर
शेखर सुमन को एक बार निर्देशक सुदर्शन रतन का फोन आया। उन्होंने शेखर से कहा- फिल्म प्लान कर रहा हूं, नाम ‘मानव हत्या’ है। हीरोइन के बारे में बताया कि नई लड़की है। पैसे भी नहीं दे पाउंगा। शेखर ने आनाकानी की तो सुदर्शन, शेखर को लेकर मुंबई के जेबी नगर में मौजूद एक छोटे-से घर में ले गए। अंदर से माधुरी निकली।’ इसके बाद सुदर्शन ने शेखर से पूछा ‘काम करोगे?’ शेखर ने कहा- ‘खूबसूरत है, दौड़ते हुए काम करूंगा।’ तब माधुरी के पास सेट पर आने जाने के लिए गाड़ी नहीं थी तो शेखर सुमन उन्हें अपने स्कूटर से सेट तक लाया ले जाया करते थे।
माधुरी कई दिलों पर राज करतीं हैं लेकिन उनके सबसे बड़े फैन होने का दावा मशहूर पैंटर एमएफ हुसैन किया करते थे। एमएफ हुसैन माधुरी की खूबसूरती की तारीफ करते हुए बताया था कि उन्होंने माधु्री स्टारर फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ 67 बार देखी है। उन्होंने माधुरी की कई पेंटीग्स भी बनाई और गजगामनी नाम से एक फिल्म भी। माधुरी को अब तक 6 फिल्मफेयर अवॉर्ड दिए जा चुके हैं। भारत सरकार ने 2008 में माधुरी को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।