स्टेट डेस्क: मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 180 प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं संसद की कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी समिति के सभापति सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को उचित सम्मान दें।
श्री मोदी ने प्रशिक्षुओं को कहा कि यदि वे 10 लाख लोगों की कड़ी प्रतिस्पर्धा में से चुनकर आते हैं तो सांसद/विधायक भी 15-20 लाख लोगों द्वारा चुने जाते हैं। सांसद, विधायक के टेलीफोन को उठाना, आने पर खड़ा हो जाना, धैर्यपूर्वक बात सुनना, दरवाजे तक जाकर छोड़ना आदि छोटी-छोटी औपचारिकताएं हैं जिनके निर्वहन में अहंकार आड़े नहीं आना चाहिए कि ये कम पढ़े लिखे हैं, गरीब हैं, अंग्रेजी नहीं बोल सकते आदि-आदि तो इनका सम्मान क्यों करें?
श्री मोदी ने प्रशिक्षुओं से अपील की कि वे केवल प्रशासक ही नहीं बल्कि परिवर्तन के वाहक भी हैं। वे संकल्प करें कि अंतर्जातीय, अंतर्धार्मिक, अन्तरप्रान्तीय विवाह को प्रोत्साहित करेंगे और विवाह में तिलक, दहेज नहीं लेंगे। इन 180 प्रशिक्षुओं में आईएएस टॉपर शुभम सहित बिहार के भी 12 प्रशिक्षु थे।