उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ से आबद्ध हमीरपुर जिले का रोजाना कागजों में हो रहा क्रिकेट

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Kanpur, Bhopendra singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की इकाई हमीरपुर जिले के खिलाडी भले ही क्रिकेट की गतिविधियों से पूरे साल वंचित रह रहे हो लेकिन उस जिले के संघ पदाधिकारी प्रदेश कार्यालय में रोजाना ही टूर और डेली एलाउन्स के बिल लगातार पास करवाने के लिए दर्ज कर रहें है। वहीं दूसरी ओर हमीरपुर,महोबा, राठ और बांदा जैसे जिले के खिलाडियों को प्रदेश की टीम से खेलने का मौका ही नही मिल रहा है। संघ के कार्यालय में कार्यरत वित्त विभाग के अधिकारियों में इस मामले को लेकर थोडा रोष भी है लेकिन आला अधिकारियों के वरदहस्त के चलते हमीरपुर जिले के सचिव का बिल रोकने की हिम्मत ही नही दिखायी दे रही।

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यही नहीं नगर में रहकर हमीरपुर क्रिकेट संघ को संचालित कर रहे सदस्य की ओर से यूपीसीए की ट्रैवल एजेन्सी में रोजाना नगर से हमीरपुर आने –जाने का बिल भी लगाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। गौरतलब है कि नगर में बैठे मठाधीशों का नाम, पता, फोन नम्बर के साथ ही उनकी मेल आईडी हमीरपुर जिले क्रिकेट में प्रदर्शित होना हर किसी की समझ से परे है। हमीरपुर जिले की कमान संभाल रहे तालिब के शिष्यों ने कानपुर नगर के रावतपुर व गीता नगर में रहने वाले अधिकतम खिलाड़ियों को जिले और मंडल ट्रायल में शामिल करवाने का ठेका ले लिया है। बतातें चलें कि बीते कई सालों से यूपी की अण्डंर-14 से लेकर रणजी ट्राफी टीम में उस जिले का खिलाडी शायद ही दिखा हो। टीम में दिखना तो दूर की बात है उस जिले का खिलाडी चयन प्रक्रिया में भी शामिल किया गया हो तो बडी बात होगी। हमीरपुर जिले को नगर से ही संचालित करने का काम किया जा रहा है।

एपेक्स कमेटी में शामिल होने से पूर्व नगर के ही एक मठाधीश नगर के खिलाडियों को हमीरपुर जिले के नाम से चयन प्रक्रिया में प्रवेश दिलाकर टीम में शामिल करवाने का काम कर रहे थे।इसके एवज में वह खिलाडियों से मोटी रकम भी वसूल करते आ रहे थे। चयन प्रक्रिया के दौरान नगर के गीतान्जली क्रिकेट क्लब से खेलने वाले लगभग दर्जन भर खिलाडियों को हमीरपुर क्रिकेट संघ की ओर से पंजीकृत दिखाया गया जबकि सब के सब क्रिकेटर नगर में ही निवास करते हैं। इस इस चयन प्रक्रिया के चलते हमीरपुर और बांदा जैसे छोटे कस्बों से खिलाड़ियों को प्रदेश की क्रिकेट टीम में जगह पाने से वंचित रहना पड़ रहा है षड्यंत्र इतना शक्तिशाली और मजबूत है कि कागजों पर हर खिलाड़ी हमीरपुर और बांदा की ओर से आता और टीम में खेलकर चला जाता है। संघ के पदाधिकारियों की मदद से वह अपना फर्जी प्रमाण पत्र भी हमीरपुर जिले के पते से ही बनवा कर चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाता है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह भी माना जा रहा है कि हमीरपुर जिले ने कानपुर नगर का ही वर्चस्व कायम है हमीरपुर जिले के खिलाड़ियों को यह भी नहीं जानकारी मिल पाती है कि जिले व मंडल का ट्रायल कब और कहां गुपचुप तरीके से आयोजित करवा दिया जाता है। यह क्रम लगभग 10 वर्षों से अधिक समय से चलता चला रहा है। जबकि संघ के कार्यालय में रोजाना ही हमीरपुर जिले में क्रिकेट आयोजित करवाने के लिए बिल जमा करवाए जा रहें हैं। इसका खुलासा भी ट्रैवल के लिए लगी गाडियों का बिल लगाने के बाद से ही हुआ है। इस मामले में यूपीसीए अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। यूपीसीए के एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले को आला अधिकारियों के सामने पेश करने की योजना पर काम चल रहा है। अब देखना है कि कितनी जल्द सफलता मिल सकती है।