स्टेट डेस्क: हिजाब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कर्नाटक की 2 छात्राओं ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है. साथ ही, हिंदू सेना के नेता सुरजीत यादव ने भी कैविएट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह हाई कोर्ट के फैसले पर रोक का एकतरफा आदेश न दे.
कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला दिया है कि महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म के पूरी तरह पालन का राज्य सरकार का आदेश सही है.
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने हिजाब को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हिस्सा बता रहे छात्रों की याचिका खारिज कर दी है. हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सबसे पहली याचिका दाखिल की है कर्नाटक के उडुपी की रहने वाली 2 छात्राओं निबा नाज और मनाल ने. दोनों ने सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट का फैसला रद्द करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हर नागरिक को हासिल धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन करता है. याचिका में कहा गया है कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सिखों को हेलमेट पहनने से छूट दी गई है. उसी तरह नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सिखों को हवाई जहाज के अंदर भी कृपाण ले जाने की छूट दी है. मुस्लिम लड़कियों को भी स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनने से नहीं रोका जाना चाहिए.