IRAQ VIOLENCE: बगदाद में श्रीलंका सी अराजकता, सद्र के समर्थक के कब्जे में राष्ट्रपति भवन

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Bagdad, Beforprint : श्रीलंका की तरह इराक में भी स्थिति अराजक होती जा रही है। सियासी गतिरोध न टूट पाने पर खफा शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने सोमवार को राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया। उनके इस बयान के बाद सेना ने कर्फ्यू लगा दिया लेकिन अल-सद्र के समर्थक सड़क पर उतर आए। इस दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। जिसमें तकरीबन 20 लोगों के मारे जाने की खबर है।

धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र के राजनीति छोड़ने के ऐलान पर भड़के

सद्र के हजारों समर्थकों ने राष्ट्रपति भवन (Republic Palace) पर धावा बोल दिया। सुरक्षाबलों ने उन्हें रोकने के लिए पहले आंसू गैस के गोले दागे और फिर फायरिंग भी की। इस दौरान 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल भी हो गए। फिर भी उपद्रवियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर ही लिया ।

अल-सद्र हिंसा के खिलाफ अनशन पर

शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने हिंसा की घटनाओं के बीच हिंसा और हथियारों का इस्तेमाल बंद होने तक उपवास की घोषणा की है। इराक की सरकार में गतिरोध तब से आया है जब धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र की पार्टी ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें मिलने के बाद भी बहुमत तक नहीं पहुंच सकी।

जुलाई में भी हो चुका है संसद पर प्रदर्शन

इससे पहले भी अल-सद्र के समर्थकों ने जुलाई में सरकार बनने से रोकने के लिए संसद में प्रदर्शन किया और चार सप्ताह से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। वे पीएम पद के लिए मोहम्मद शिया अल-सुदानी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे, क्योंकि उनका मानना था कि वह ईरान के करीब हैं। उनकी पार्टी के सांसदों ने संसद से इस्तीफा भी दे दिया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूनाइटेड नेशन्स)के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इराक के विरोध प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने लोगों से संयम बरतने की अपील की है।