कानपुर/भूपेंद्र सिंह। शहर में शुरू हुई बारिश के बाद से एक बार फिर से शहर पर डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के साथ-साथ जीका वायरस का खतरा मंडराने लगा है। इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग ने शहर की अलग अलग जगहों पर आज से सक्रियता बढ़ा दी है। परदेवनपुर, तिवारीपुर, जेके कॉलोनी, कुरसौली,मवइया गांव, श्याम नगर जहां पिछले साल डेंगू और जीका वायरस पाया गया था वहां अपनी टीमें तैनात कर दी है। जगह जगह एंटी लार्वा छिड़काव के साथ साथ फॉगिंग का काम तेजी से करवाया जाना शुरू हो गया है।
बारिश के बाद बढ़ा खतरा
आपको बता दें पिछले साल सिर्फ कुरसौली गांव में डेंगू और विचित्र बुखार से करीब दो दर्जन से ज्यादा मौतों हुई थी, जिसके बाद शासन और प्रशासन नींद से जागा था। आनन फानन में पूरे गांव में स्वास्थ्य विभाग ने घेरे में लेकर वहां के घर घर से सैंपल किये थे जिनमे ज्यादातर घरों में एडिज मच्छर का लार्वा पाया गया था। रोग नियंत्रण अभियान आज से शुरू
सीडीओ के निर्देश पर संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुक्रवार से शुरू हुआ। यह अभियान 15 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा जिसके अंतर्गत घरों के अंदर इकट्ठा पानी और अन्य जांचे विभाग की अलग अलग टीमें करेगी। इसके लिए पूरी गाइडलाइन 29 जून को जारी कर दी गई थी। प्रदेश का पहला जीका केस कानपुर में पाया गया था पिछली बार प्रदेश में सबसे पहला जीका का केस कानपुर में मिलने से प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था। शहर के परदेवनपुर इलाके के रहने वाले एयरफोर्स कर्मी में जीका वायरस पाया गया था।
पहला केस मिलने के बाद दिल्ली और पुणे से आई टीमों ने पूरे इलाके के मच्छरों को पकड़ कर उनकी जांच के लिए दिल्ली भेजा था। साथ ही टीम को उस इलाके के घरों और वहां बनी मस्जिद से भी पॉजिटिव जीका वायरस के मच्छर मिले थे। पिछली बार शहर से 108 सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए थे।
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