कानपुर : लापता चार किशोर मिले , पुलिस को बताई भागने की वजह

कानपुर ट्रेंडिंग

कानपुर/ बीपी प्रतिनिधि। रविवार रात गुजैनी गांव से लापता चारों दोस्तों को सकुशल बरामद कर पुलिस ने परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। चारों दोस्त आगरा गए थे। मंगलवार सुबह बगैर टिकट ट्रेन से चारों कानपुर पहुंचे।

चारों दोस्तों ने ताजमहल देखने के लिए अपनी साइकिल 400 रुपये में बेची थी। आगरा स्टेशन से ऑटो कर ताजमहल पहुंचे, लेकिन अंदर जाने के लिए टिकट का पैसा न होने के कारण बाहर से ही लौट आए। गुजैनी हाईवे से लोगों ने पहले एक किशोर को पकड़ा। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अन्य तीनों को भी पकड़ लिया।

गुजैनी गांव निवासी लोडर चालक प्रकाश तिवारी का बेटा दीपक (14), सब्जी का ठेला लगाने वाले अशोक का बेटा अभय (12), नरेश का बेटा किशन (12), अंडे का ठेला लगाने वाली सुंदरी का बेटा सावन उर्फ प्रेम (12) रविवार को मर्दनपुर नहर नहाने निकले थे। वही दीपक ने आगरा चलने की बात कही, तो सभी तैयार हो गए। सावन ने गांव के ही एक युवक को अपनी साइकिल बेची। सभी पनकी स्टेशन पहुंचे और 110 रुपये की एक टिकट खरीदकर साढ़े छह बजे ट्रेन पर सवार हो गए। सोमवार सुबह साढ़े चार बजे आगरा पहुंचे। 150 रुपये में ऑटो से ताजमहल पहुंचे लेकिन किसी के पास टिकट के पैसे न होने के कारण बाहर से ही लौट आए।

यही नहीं पूरा दिन भूखे-प्यासे रहने के बाद जब किसी के पास खाने के पैसे नहीं थे तो आगरा स्टेशन के बाहर एक होटल में सभी ने काम किया। रात में सभी को तीन-तीन सौ रुपये मिले और होटल वाले ने खाना भी खिलाया। सावन व अभय ने बाहर ठेले में लगी दुकान से 125 रुपये की टी-शर्ट व 150 रुपये का लोवर खरीदा। किशन ने बताया कि सोमवार रात चारों बगैर टिकट ट्रेन से कानपुर आए।

गुजैनी पहुंचने के बाद किसी के घर जाने की हिम्मत नहीं हुई। इस पर वह गुजैनी हाईवे पर ही टहलने लगा और बाकी तीनों पनकी चले गए। गुजैनी से गांव के लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि थाने में लिखापढ़ी के बाद सभी किशोरों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। दोस्तों का कहना है कि दीपक ने ही आगरा चलने की योजना बनाई थी। पैसे की बात आई तो दीपक ने सावन को साइकिल बेचने को कहा। सावन के मुताबिक उसने साइकिल बेच तो दी लेकिन रास्ते भर यही चिंता सताती रही कि घर में क्या बताएगा। मां सुंदरी ने दो माह पूर्व ही उसे साइकिल दिलाई थी।